कौन हैं नीतीश कुमार की नई कैबिनेट में 8 खास चेहरे?
नई दिल्ली। बिहार में भाजपा के समर्थन से नीतीश कुमार एक बार फिर मुख्यमंत्री बन गए हैं। राज्यपाल ने नीतीश कुमार को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह में बीजेपी और जदयू के कई दिग्गज मौजूद थे। सबसे पहले सीएम नीतीश कुमार ने शपथ ली। उसके बाद बीजेपी के सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, फिर जदयू नेता विजय चौधरी, विजेंद्र यादव और उसके बाद बीजेपी नेता प्रेम कुमार ने शपथ ली। बता दें कि नीतीश कुमार नौंवी बार बिहार के सीएम बने हैं। आइए जानते हैं कौन हैं नीतीश की नई कैबिनेट के चेहरे।
सम्राट चौधरी : सम्राट चौधरी बिहार बीजेपी के अध्यक्ष हैं। कुशवाहा समाज से आते हैं। उन्होंने राजद से अपनी राजनीति की शुरुआत की थी। बाद में जदयू में शामिल हो गए थे। जीतन राम मांझी के साथ जदयू छोड़ने के बाद साल 2015 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी के सिंबल पर चुनाव लड़ा था। बाद के दिनों में वो बीजेपी में शामिल हो गए। बीजेपी के फायर ब्रांड नेता माने जाते हैं। उनके पिता शकुनी चौधरी पुराने समाजवादी नेता रहे थे। नीतीश कुमार के साथ मिलकर समता पार्टी के गठन में भी उनकी भूमिका रही थी।
विजय कुमार सिन्हा : विजय कुमार सिन्हा बिहार बीजेपी के बड़े चेहरे हैं। कई दफे वो विधायक रह चुके हैं। एनडीए की पिछली सरकार के दौरान विजय कुमार सिन्हा को विधानसभा का स्पीकर बनाया था। बीजेपी के साथ ही आरएसएस से भी उनके मजबूत रिश्ते रहे हैं। साल 2017 से 2020 तक सिन्हा, श्रम संसाधन मंत्री भी रह चुके हैं।
विजेंद्र यादव : विजेंद्र यादव बिहार में सबसे अधिक समय तक उर्जा मंत्री रह चुके हैं। पहले राजद और बाद में नीतीश सरकार में लंबे समय तक विजेंद्र यादव मंत्री रहे हैं। बिहार में घर-घर में बिजली पहुंचाने का श्रेय उन्हें दिया जाता रहा है। कोशी क्षेत्र से आते हैं। हाल के दिनों में ऐसी चर्चाएं थी की लालू प्रसाद से उनकी नजदीकी बढ़ी है। हालांकि नीतीश कुमार के साथ उनके रिश्ते बेहद अच्छे रहे हैं।
विजय कुमार चौधरी : विजय कुमार चौधरी जदयू के कद्दावार नेता माने जाते हैं। नीतीश कुमार के बेहद करीबी हैं। बिहार विधानसभा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। नीतीश कुमार की कैबिनेट में वो कई बार मंत्री रह चुके हैं।
प्रेम कुमार : प्रेम कुमार बिहार बीजेपी के दिग्गज नेता हैं। गया विधानसभा सीट से लंबे समय से चुनाव जीतते रहे हैं। नीतीश कुमार के पहले कैबिनेट में भी वो मंत्री बने थे। साल 1990 के बाद से वो लगातार गया शहरी सीट से चुनाव जीत रहे हैं।
श्रवण कुमार : श्रवण कुमार जनता दल यूनाइटेड के कोटे से मंत्री बने हैं। नीतीश कुमार के स्वजातीय होने के साथ-साथ उनके गृह जिला नालंदा से वो विधायक रहे हैं। कैबिनेट में ग्रामीण विकास और संसदीय कार्य मंत्री का पदभार वो संभाल रहे थे। 1995 से नालंदा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक रहे हैं। वह बिहार विधानसभा में जनता दल (यूनाइटेड) के मुख्य सचेतक भी हैं।
संतोष सुमन : संतोष सुमन नीतीश कुमार के कैबिनेट में पहले भी मंत्री रह चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के पुत्र हैं। अभी बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं। कुछ ही दिन पहले उन्हें हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा का अध्यक्ष बनाया गया था।
सुमित सिंह : सुमित सिंह बिहार विधानसभा में निर्दलीय विधायक हैं। उन्होंने जमुई जिले चकाई विधानसभा सीट से चुनाव जीता था। वो पूर्व में जदयू में ही थे जदयू की तरफ से टिकट नहीं मिलने के बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव जीता था। सुमित सिंह पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के बेटे हैं। नरेंद्र सिंह नीतीश कुमार के पुराने सहयोगी रहे थे। कुछ साल पहले उनका निधन हो गया था।
नीतीश का राजनीतिक सफर : सबसे पहले साल 2000 में महज 9 दिनों के लिए नीतीश कुमार सीएम बने थे। जब बहुमत साबित नहीं कर पाने के कारण उन्हें पद छोड़ना पड़ा था। नीतीश कुमार एनडीए के काफी पुराने सहयोगी रहे हैं। 1995 में समता पार्टी का गठन करने के बाद 1996 में पहली बार उनकी पार्टी ने बीजेपी से गठबंधन किया था। जयप्रकाश नारायण के छात्र आंदोलन में आपातकाल के दौरान नीतीश कुमार की राजनीति में एंट्री हुई थी।
Edited by navin rangiyal