उत्तर भारत के कई हिस्सों में सतह का तापमान 60 डिग्री सेल्सियस से अधिक, सेटेलाइट इमेज से खुलासा
नई दिल्ली। देशभर में लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा है। खासकर उत्तर भारत के राज्यों में सूर्य की तपन अधिक है। इस बीच शनिवार को उपग्रहों से ली गई तस्वीरों ने गर्मी को लेकर खौफ को और बढ़ा दिया है। सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में धरती की सतह (Land Surface Temperature) का तापमान (एलएसटी) 60 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो गया है। हालांकि आईएमडी ने इन डेटा पर सवाल भी उठाए हैं। वैज्ञानिकों ने हीटवेव के गंभीर प्रभावों के बारे में चिंता जताई है।
इनसैट 3डी, कॉपरनिकस सेंटिनल3 और नासा के एक उपग्रह द्वारा ली गई भूमि की सतह की तस्वीरों से सकंते मिलता है कि उत्तर पश्चिम भारत के इलाकों में भीषण गर्मी पड़ रही है। भूमि की सतह के तापमान ने कई वैज्ञानिकों की चिंताओं को बढ़ा दिया है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के वैज्ञानिक आशिम मित्रा ने ट्वीट में लिखा है कि अलग-अलग उपग्रह सेंसर से भूमि की सतह का तापमान देखने वाली तस्वीरें ली गई हैं। एक सामान्य अवलोकन यानी जमीन के एलएसटी का सटीक माप प्राप्त करने में सक्षम था, जो आज कई क्षेत्रों में 60 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो गया है। उन्होंने कहा कि इस मौसम में सामान्य तौर पर एलएसटी 45 से 55 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है।
भारत-पाकिस्तान में हिट वेव : भू-स्थानिक डाटा प्रबंधन मंच एडीएएम प्लेटफॉर्म ने ट्वीट किया है कि भारत और पाकिस्तान में वर्तमान में हीटवेव अपने चरम पर है, जैसा कि शनिवार को देखा गया है। एलएसटी लगातार बढ़ता ही जा रहा है। 29 अप्रैल को एकत्र किया गया एलएसटी अधिकतम वैल्यू 62°C/143°F से अधिक दर्शाता है।
IMD ने कहा- दहशत पैदा कर सकते हैं डेटा : आईएमडी के महानिदेशक एम महापात्रा ने इन डेटा पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि जमीनी सत्यापन करने से पहले इस डेटा पर भरोसा नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि उपग्रह अवलोकन सतह से 36 हजार किमी दूर से लिए जाते हैं। सत्यापित नहीं होने पर वे भ्रामक हो सकते हैं।
राजस्थान में 52 डिग्री से अधिक : राजस्थान में रिकॉर्ड उच्चतम भूमि का तापमान 52.6 डिग्री दर्ज किया गया था। यह डाटा भय और दहशत पैदा कर सकता है, इसलिए हमें जिम्मेदारी से कार्य करना चाहिए। एक अन्य वैज्ञानिक ने कहा कि क्या आप जानते हैं कि 60 डिग्री सेल्सियस का क्या मतलब होता है? सड़कें और अन्य बुनियादी ढांचा पिघल जाएंगे। मैंने राजस्थान में 50 डिग्री सेल्सियस पर सड़कों को पिघलते देखा है। हमें बहुत सावधानी से जमीनी आकलन करना चाहिए।