कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने की भविष्यवाणी, 2024 में मोदी होंगे हिंदू हृदय सम्राट
Ram Mandir Ayodhya Ceremony: उत्तर प्रदेश की अयोध्या नगरी में 22 जनवरी को भगवान श्री राम के मंदिर के उद्घाटन से पहले देश में जमकर सियासत का माहौल तैयार हो गया है। मंदिर के शुभारंभ से लेकर 2024 के लोकसभा चुनाव तक राजनीति जमकर अपने रंग दिखाएगी।
फिलहाल कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने जो ट्वीट किया है, उसकी बहुत चर्चा हो रही है। थरूर ने एक तरह से मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है, वहीं भाजपा को लेकर भविष्यवाणी भी कर डाली है। उन्होंने मोदी के बारे में कहा है कि अब पीएम मोदी हिंदू हृदय सम्राट होंगे।
अच्छे दिनों का क्या हुआ : दअरसल, शशि थरूर ने अपने ट्वीट से मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की है। शशि थरूर ने अयोध्या राम मंदिर के 22 जनवरी को उद्घाटन और इसके कुछ दिन बाद अबू धाबी में बीएपीएस हिंदू मंदिर के उद्घाटन को लेकर कहा है कि ये दोनों आयोजन 2024 के चुनाव के लिए मंच तैयार करेगा। शशि थरूर ने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि इसके तुरंत बाद चुनाव की तारीखें घोषित की जाएंगी। थरूर ने कहा कि 2024 के लिए नरेंद्र मोदी संदेश देना चाहते हैं कि वह एक हिंदू हृदय सम्राट हैं, लेकिन उन्होंने सवाल किया कि अच्छे दिनों का क्या हुआ?
2 करोड़ नौकरियों का क्या हुआ : शशि थरूर ने मोदी से सवाल पूछा कि हर साल 2 करोड़ नौकरियों का क्या हुआ? आर्थिक विकास का क्या हुआ खर्च योग्य आय को जेब में डालने का क्या हुआ और सभी को 15-15 लाख देने का क्या हुआ?
मोदी करेंगे हिंदू मंदिर का उद्घाटन : बेहद दिलचस्प है कि एक तरफ अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर सत्ता और विपक्ष में तकरार चल रही है, वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने अबू धाबी में BAPS हिंदू मंदिर का उद्घाटन करने का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है, जो संयुक्त अरब अमीरात में सबसे बड़ा हिंदू मंदिर होगा।
नरेंद्र मोदी होंगे हिंदू हृदय सम्राट : थरूर यहीं नहीं रूके उन्होंने आगे कहा कि 2019 में जब विनाशकारी नोटबंदी की वजह से सबकुछ गलत हो रहा था तो पुलवामा आतंकवादी हमले को नरेंद्र मोदी ने आम चुनाव में राष्ट्रीय सुरक्षा का सवाल बनाते हुए इसे जमकर भुनाया। अब 2024 में यह साफ है कि भाजपा अपने मूल रूप में वापस आ जाएगी। नरेंद्र मोदी को हिंदू हृदय सम्राट बताया जाएगा। कांग्रेस सांसद ने कहा, 2024 का चुनाव हिंदुत्व बनाम लोकप्रिय कल्याण का होता जा रहा है। पर सवाल ये उठता है कि अच्छे दिनों का क्या हुआ? प्रति वर्ष 2 करोड़ नौकरियों का क्या हुआ? आर्थिक विकास का क्या हुआ जिससे सामाजिक-आर्थिक सीढ़ी के निचले पायदानों को फायदा होगा? खर्च योग्य आय को जेब में डालने का क्या हुआ और हर भारतीय के बैंक खाते में 15-15 लाख का क्या हुआ?
Edited by navin rangiyal