विदेशों में बढ़ा है भारत का मान : कोविंद
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को कहा कि सरकार के सफल राजनयिक प्रयासों के कारण विश्व में भारत को न केवल नया सम्मान मिला है, बल्कि विदेश में बसे भारतीयों में अपनी सुरक्षा के प्रति भरोसा भी जगा है।
बजट सत्र की शुरुआत पर संसद के केंद्रीय कक्ष में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति ने कहा कि मानवता की सेवा भारत की सांस्कृतिक विरासत का अभिन्न अंग रहा है, चाहे नेपाल में भूकंप हो या श्रीलंका में बाढ़ की आपदा, या मालदीव में पेयजल का संकट- इन्हीं मूल्यों के कारण भारत सहायता का हाथ बढ़ाने वाले देशों में अग्रणी रहा है।
उन्होंने कहा कि आज विश्व के किसी भी कोने में बसे भारतीयों को यह भरोसा है कि वे कहीं भी संकट में पड़ेंगे तो उनकी सरकार उन्हें सुरक्षित निकालकर स्वदेश वापस ले आएगी। वर्ष 2014 के बाद से विदेश में संकट में फंसे 90,000 से अधिक भारतीयों को वापस लाया गया है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हाल के वर्षों में भारत की कूटनीतिक सफलताओं का खाका पेश करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के सफल राजनयिक प्रयासों के कारण विश्व में भारत को एक नया सम्मान प्राप्त हुआ है। कोविंद ने इस सिलसिले में अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानून न्यायाधिकरण, अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन, आर्थिक एवं सामाजिक परिषद तथा इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में मिले प्रतिनिधित्व का उल्लेख भी किया।
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष प्रक्षेपास्त्र प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था में शामिल होने के पश्चात भारत को इस वर्ष वासेनार व्यवस्था तथा ऑस्ट्रेलियाई समूह में भी सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। यह सफलता लंबी जद्दोजहद और लंबे इंतजार के बाद मिली है, जो सरकार की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। (वार्ता)