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Last Updated : गुरुवार, 22 दिसंबर 2016 (15:49 IST)

मोदी बोले, किसी का काला धन बाहर आ रहा है, तो किसी का काला मन...

PM Modi in Varansi
वाराणसी। नोटबंदी के मुद्दे पर संसद को बाधित करने के मुद्दे पर विपक्ष पर तीखा वार करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि विपक्षी दल भ्रष्ट लोगों को बचाने की कोशिश उसी प्रकार कर रहे हैं, जैसे पाकिस्तान आतंकवादियों को सीमा पार करवाने के लिए कवर फायर करता है। मोदी ने कहा कि नोटबंदी कालेधन के साथ-साथ कई लोगों के काले मन को भी उजागर कर देगा।
 
मोदी ने कहा कि कई लोग कहते हैं कि मैंने इस बड़े कदम के परिणामों के बारे में नहीं सोचा था। वास्तव में मैं इस एक चीज के बारे में नहीं सोच पाया था कि किस निर्लज्जता के साथ कुछ राजनीतिक दल और नेता भ्रष्ट लोगों का बचाव करने आगे आएंगे। लेकिन मैं खुश हूं कि कालेधन के खात्मे के उद्देश्य के साथ शुरू किए गए इस अभियान ने कई काले मन भी बेपर्दा कर दिए हैं।
 
बीते 8 नवंबर को 500 और 1,000 रुपए के नोट बंद करने के बाद अपने संसदीय क्षेत्र की पहली यात्रा पर आए प्रधानमंत्री बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के परिसर के भीतर आयोजित एक समारोह में बोल रहे थे।
 
मोदी ने नोटबंदी के मुद्दे पर सरकार पर हमला बोलते हुए विपक्षी दलों को बेशर्मी के साथ भ्रष्ट और बेइमान लोगों के पक्ष में खड़ा बताते हुए उन पर निशाना साधा। मोदी ने विपक्ष के लोगों द्वारा संसद के हालिया सत्र की कार्यवाही को बाधित किए जाने की तुलना पाकिस्तान की ओर से सीमा पर की जाने वाली उस गोलीबारी से की, जो वह घुसपैठियों को कवर देने के लिए करता है।
 
मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस के नेताओं- राहुल गांधी एवं पी. चिदंबरम पर भी वापस हमला बोलते हुए कहा कि उनकी दलील है कि गरीबी, निरक्षरता और देश के गांवों तक बिजली न पहुंचने के कारण नकदीरहित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना व्यर्थ है। उनकी यह दलील उनके अपने ही रिपोर्ट कार्ड को खोलकर रख देती है। अपने पूर्ववर्ती प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह की ओर से संसद में यह कहे जाने पर कि 50 प्रतिशत से अधिक गरीब जनसंख्या वाले देश में नकदीरहित अर्थव्यवस्था व्यवहार्य नहीं है।
 
मोदी ने कहा कि मैं इस बात पर हैरान हूं कि क्या वे खराब स्थिति को स्वीकार करके अपना रिपोर्ट कार्ड पेश कर रहे थे? मोदी ने कहा कि आखिर वे 2 बार प्रधानमंत्री और एक बार वित्तमंत्री रह चुके हैं। 1970 के दशक से वे प्रमुख पद संभाल रहे हैं। प्रधानमंत्री ने पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम पर यह कहने के लिए निशाना साधा कि भारत के लगभग आधे गांवों में बिजली की व्यवस्था न होने के कारण ऑनलाइन लेनदेन को व्यापक स्वीकार्यता नहीं मिल सकी।
 
मोदी ने कहा कि वे किसकी गलतियों को गिना रहे हैं? क्या मैंने बिजली वाले गांवों से बिजली के खंभे उखाड़ लिए या तारें काट लीं? उन्होंने राहुल गांधी के इस दावे पर भी चुटकी ली कि कार्ड, ऑनलाइन हस्तांतरण आदि में कम साक्षरता के कारण बाधाएं आएंगी। मोदी ने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि वे यह न कहें कि मैंने कुछ काला जादू करके उन लोगों को निरक्षर बना दिया है, जो लिखना-पढ़ना जानते थे।
 
उन्होंने कहा कि वे बोलने से पहले कभी सोचते नहीं हैं और उन्हें यह अहसास भी नहीं हुआ होगा कि उन्होंने अपनी ही पार्टी के लंबे शासन की विफलता को स्वीकार कर लिया है। खुद को 'काशी का बच्चा' कहते हुए मोदी ने कहा कि फिर भी, मैं यह देखकर खुश हूं कि इस पवित्र भूमि की शक्ति ने मुझे काम करने दिया और ध्यान आलोचकों को अनजाने में ही सही, लेकिन उनकी विफलताओं को स्वीकार करने के लिए विवश कर दिया। (भाषा)