फिल्म पठान पर सेंसर बोर्ड के फैसले को नरोत्तम मिश्रा ने सराहा, कहा रील लाइफ का रियल लाइफ पर असर
भोपाल। सुपरस्टार शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण की मोस्ट अवेटेड फिल्म 'पठान' पर मचे बवाल के बाद सेंसर बोर्ड के फैसले का मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने स्वागत किया है। सेंसर बोर्ड के निर्णय का स्वागत करते हुए मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि फिल्म पठान को लेकर सेंसर बोर्ड का निर्णय सराहनीय है। जब यह मामला मेरे सामने आया था तभी मैंने कहा था कि यह दूषित मानसिकता से बहुसंख्यक वर्ग की भावनाओं को आहत करने का एक कुत्सित प्रयास है। रील लाइफ रियल लाइफ पर भी असर डालती है, इस बात का निर्माताओं को, निर्देशकों को और कलाकारों को, सभी को ध्यान रखना चाहिए।
फिल्म पर सेंसर बोर्ड का फैसला?-फिल्म पठान के बेशर्म रंग के गाने और दीपिका पादुकोण की भगवा बिकनी पर मचे बवाल के बाद सेंसर बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेट ने फिल्म के निर्माताओं को बेशर्म रंग के गाने, बिकिनी और कई अन्य चीजों को हटाने का सुझाव दिया है। इसके साथ ही सेंसर बोर्ड ने मेकर्स से कहा है कि वह इन सुझावों पर काम करके थिएट्रीकल रिलीज से पहले संपादित वर्जन को बोर्ड में जमा करवाए।
बताया जा रहा है कि फिल्म बोर्ड के क्राइटेरिया में सही बैठती है कुछ सुझाव, फिल्म मेकर और दर्शकों के तालमेल को सही रखने के लिए दिए गए हैं। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने कहा कि सीबीएफसी हमेशा ही रचनात्कमता और संवेदनशीलता के संतुलन का काम करती है। दर्शकों का भी बोर्ड से यही विश्वास जुड़ा है। हमारा भी यही भरोसा है कि हम आपस में बातचीत करके समाधान ढूंढें।
क्यों चली सेंसर बोर्ड की कैंची?- शाहरूख और दीपिक पादुकोण की फिल्म पठान के बेशर्म गाने को लेकर देश में बवाल मचा हुआ था। सोशल मीडिया पर पिछले कई दिनों से #BoycottPathaan ट्रेंड चल रहा था। वहीं मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के फिल्म पर दिए बयान के बाद फिल्म को लेकर नई बहस छिड़ गई थी। दरअसल मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने गाने पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि फिल्म पठान के गाने में टुकड़े-टुकड़े गैंग की समर्थक अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की वेशभूषा बेहद आपत्तिजनक है और साफ दिख रहा है कि गाना दूषित मानसिकता के साथ फिल्माया गया है। उन्होंने फिल्म के निर्माताओं से अनुरोध किया है कि बेशर्म गाने के दृश्यों और वेशभूषा को ठीक किया जाए अन्यथा फिल्म पठान को मध्यप्रदेश में अनुमति दी जाए या नहीं दी जाए,यह विचारणीय होगा।