मुंबई में आफत की बारिश से याद आया 2005, 14 साल पहले 1 ही दिन में गिरा था 944 मिलीमीटर पानी
मुंबई। मुंबई में शुक्रवार को जारी भारी बारिश की वजह से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले 24 घंटों में यहां 150 से 180 मिलीमीटर पानी गिर गया है। लोगों को अब 26 जुलाई, 2005 का दिन याद आ रहा है। जब एक ही दिन की बरसात ने यहां तबाही मचा दी थी।
दरअसल 14 साल पहले महानगर में एक ही दिन में 944 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी। ठीक 14 साल बाद हुई इसी तरह की भारी बारिश से मुंबई के कई हिस्सों में जलभराव हो गया और यातायात बाधित हो गया। साथ ही कई उड़ानों में देरी हुई।
मुंबई हवाई अड्डा के प्रवक्ता ने बताया कि मुंबई हवाई अड्डे से 17 उड़ानों का मार्ग परिवर्तित कर समीप के हवाई अड्डों पर भेजा गया और चार उड़ानों को उतरने से पहले काफी देर हवा में ही चक्कर लगाने पड़े। मौसम विभाग ने बताया कि अगले चार घंटों में ठाणे, रायगढ़ और मुंबई जिलों में मूसालाधार बारिश जारी रहेगी।
इसी दिन 14 साल पहले मुंबई भारी बारिश की चपेट में आई थी जिससे शहर भर में तबाही मच गई थी, कई लोगों की जान चली गई थी और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया था। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर उस दिन को याद किया।
ट्विटर यूजर मधु ने कहा, '14 साल पहले इस दिन मुंबई की सड़कें नदियों में तब्दील हो गई थीं और लोगों को घर पहुंचने के लिए कठिन यात्रा करनी पड़ी थी। इस दिन को लेकर आपकी क्या यादें हैं, क्या आप बारिश में फंसे हुए थे, आप सुरक्षित स्थानों पर कैसे पहुंचे थे? चलिए यहां साझा करते हैं।'
एक अन्य यूजर अभिषेक श्रीवास्तव ने 2005 की बारिश पर ट्वीट किया, 'मैं विद्याविहार से पवई तक पैदल गया था क्योंकि ट्रेन सेवा मातुंगा से विद्याविहार तक रुक गई थी। आठ घंटे का सफर पैदल तय किया। उसी दिन घर पहुंच गया था।'
कुछ लोगों ने मुंबई के जज्बे को याद किया और बताया कि लोगों ने कैसे 2005 की बारिश से पार पाया और जरूरतमंदों की मदद की। लोगों ने फंसे हुए लोगों को शरण देने के लिए अपने घर के दरवाजे खोले जबकि अन्य ने बाहर निकल कर खाना एवं पानी उपलब्ध कराया।
इस बीच मौसम विभाग ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के तीन जिलों रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग के लिये 'ऑरेंज अलर्ट' जारी करते हुए अगले 24 घंटों में मुंबई, ठाणे और नवी मुंबई में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान जताया है। ऑरेंज अलर्ट इसलिए जारी किया जाता है कि ताकि प्राधिकारी जरूरी कदम उठाने के लिए तैयार रहें।