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Last Updated : मंगलवार, 10 जुलाई 2018 (13:53 IST)

मुंबई में भारी बारिश से 'बर्बादी' (तस्वीरें)

मुंबई में भारी बारिश से 'बर्बादी' (तस्वीरें) - Mumbai Heavy rain
मुंबई। महाराष्ट्र में बारिश की तबाही ने अपने आगोश में मायावी नगरी मुंबई को अपनी चपेट में ले लिया है। नागपुर में तबाही मचाने वाला मानसून मुंबई पर कहर बनकर बरसा और लोगों की जिंदगी को ठहराकर रख दिया। मूसलधार बारिश की वजह से मुंबई और उसके नजदीकी क्षेत्रों में सड़कों, रेलवे की पटरियों पर पानी भरने से शहर में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।
 
 
इस मौसम में 1 दिन में हुई यह सर्वाधिक बारिश है जिसके कारण कई सड़कों और गलियों में पानी भर गया और यातायात जाम के हालात बन गए। लोगों को घुटनों तक भरे पानी से गुजरना पड़ा। बारिश और कम दृश्यता के कारण वाहन सड़कों पर रेंगते रहे, सड़कों पर बने गड्ढों से समस्या और भी जटिल हो गई है। भारी बरसात के कारण स्थानीय प्रशासन ने कई स्कूलों में आज छुट्टी घोषित कर दी और कई लोग दफ्तर तक नहीं गए।
उपनगरीय रेलगाड़ियां 5 से 15 मिनट की देरी से चल रही हैं। पश्चिम रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि कुछ रेलवे पटरियां पानी में डूब गईं जिसके कारण रेल यातायात रोक दिया गया, हालांकि अन्य पटरियों पर सीमित गति से रेलगाड़ियां चलती रहीं। जिन स्थानों पर रेलवे यातायात रोका गया, वहां पर यात्री घंटों तक परेशान होते रहे। उनकी यही समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर वे घर तक जाएंगे कैसे?
कुर्ला, सायन और दादर में बहुत अधिक जलभराव हुआ है। अधिकारी ने बताया कि सेंट्रल रेलवे में रेलगाड़ियां चल रही हैं और कोई भी सेवा रद्द नहीं की गई है। बृहन्मुंबई बिजली आपूर्ति एवं परिवहन (बेस्ट) के प्रवक्ता ने बताया कि बसें देरी से चल रही हैं लेकिन कोई भी सेवा रद्द या निलंबित नहीं की गई है।
 
मौसम विभाग ने मुंबई में मंगलवार तक भारी बारिश जारी रहने का अनुमान जताया है। कोलाबा वेधशाला में बीते 24 घंटे में 170.6 मिमी बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग, मुंबई के उप महानिदेशक केएस होसालिकर ने बताया कि इस मौसम में 24 घंटे में हुई यह सर्वाधिक बारिश है। उन्होंने बताया कि इसी दौरान उपनगर सांताक्रूज में 122 मिमी बारिश हुई।
उत्तर-पश्चिम भारत में अगले 48 घंटे में बारिश की अधिक संभावना जताई जा रही है। इसका यह मतलब हुआ कि आने वाले दिनों में भी मुंबई पानी से तरबतर रहेगा। प्रशासन ने चेतावनी जारी की है कि लोग बहुत जरूरी काम हो तो ही घर से बाहर निकलें। फिलहाल यहां स्कूल-कॉलेज भी बंद रहने की उम्मीद है।

90 ट्रेनों का परिचालन रद्द : मूसलधार बारिश की वजह से 90 ट्रेनों का परिचालन रद्द करना  पड़ा। जिला सूचना अधिकारी ने बताया कि पालघर जिले के वसई में जलभराव के कारण करीब  300 लोग अपने घरों में फंस गए। हालांकि यहां के लोगों ने जिला प्रशासन के इस जगह को  खाली करने की अपील मानने से इंकार कर दिया। अधिकारी ने बताया कि हमने ऐहतियाती कदम  के तौर पर उनके घरों के निकट एम्बुलेंस खड़ी कर रखी थी।
(सभी तस्वीरें : गिरीश श्रीवास्तव)
उत्तर और मध्यभारत के लिए मौसम विभाग की भविष्यवाणी
नई दिल्ली में मौसम विभाग ने भविष्यवाणी जताई कि उत्तर और मध्यभारत में अगले 4-5 दिनों में मानसून की बारिश रफ्तार पकड़ेगी, वहीं तटीय महाराष्ट्र और गोवा में भारी बरसात जारी रहेगी। मौसम विभाग ने बताया कि 13 जुलाई के आसपास बंगाल की खाड़ी के उत्तर में कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है।
मौसम विभाग ने कहा कि मानसून की सक्रिय स्थिति अगले 5-6 दिन के दौरान मध्यभारत और दक्षिण प्रायद्वीप में जारी रह सकती है। अगले 48 घंटे के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत के हिस्सों में बारिश की अधिक संभावना है। पूर्वी और पूर्वोत्तरी भारत में 4-5 दिन के दौरान बारिश जारी रह सकती है।

राजस्थान के कई जिलों में भारी बारिश होने की संभावना
मौसम विभाग ने आगामी 24 घंटों के दौरान राजस्थान के दक्षिणी और पूर्वी भागों के कई जिलों में भारी बारिश होने की संभावना जताई है। विभाग ने कोटा, झालावाड़, बांरा, उदयपुर, बांसवाड़ा, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, राजसमंद, जालौर, सिरोही, पाली और प्रतापगढ़ जिलों में 65 मिलीमीटर और उससे अधिक बारिश होने की संभावना जताई है।
 
विभाग के एक अधिकारी के अनुसार घने काले बादल दक्षिण पूर्व की ओर बढ़ रहे हैं जिससे कुछ स्थानों पर आगामी 24 घंटों के दौरान भारी बारिश होने की संभावना है। पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के पूर्वी हिस्सों में तेज हवाओं के साथ कुछ स्थानों पर हल्की बारिश दर्ज की गई, जबकि पश्चिमी हिस्सा सूखा रहा। 
 
असम में बाढ़ की स्थिति में सुधार
असम राज्य आपदा प्रबंधन (एएसडीएमए) ने गुवाहाटी में बताया है कि राज्य में बाढ़ की स्थिति में सोमवार को कुल मिलाकर सुधार हुआ, क्योंकि नगांव जिले में बाढ़ के पानी घटा है। अब इस बाढ़ से सिर्फ 3 जिले प्रभावित हैं।
 
सोमवार को जारी एएसडीएमए रिपोर्ट के मुताबिक लखीमपुरा जिला बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित है। यहां 21,200 से ज्यादा लोग बाढ़ की चपेट में हैं। इसके बाद विश्वनाथ जिला में 2,500 लोग और विश्वनाथ जिला में 921 लोग प्रभावित हैं। रविवार को धीमाजी, लखीमपुर, विश्वनाथ और नगांव जिले में 24,000 लोग प्रभावित थे।