भागवत पर टिप्पणी से नाराज एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने किया हंगामा
बरेली। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत और संस्थापक एमएसगोलवलकर पर अमर्यादित टिप्पणी को लेकर बरेली कॉलेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं ने जमकर तोड़फोड़ और हंगामा किया।
पुलिस सूत्रों ने सोमवार को यहां बताया कि बरेली कॉलेज में आयोजित 2 दिवसीय संगोष्ठी में रविवार को मुख्य अतिथि की हैसियत से शिरकत कर रहे काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफेसर चौथी राम ने अपने संबोधन में संघ संस्थापक एमएमगोलवलकर तथा संघ प्रमुख मोहन भागवत को कथित रूप से 'आतंकवादी' कह दिया।
इसी बीच, एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को इसकी भनक लगी और वे कार्यक्रम स्थल पहुंचकर 'बरेली कॉलेज को जेएनयू नहीं बनने देंगे' के नारे लगाने लगे। प्रोफेसर के पक्ष में आए समाजवादी छात्र सभा के पूर्व जिलाध्यक्ष हृदयेश यादव और उनके समर्थक और एबीवीपी के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए।
सूत्रों ने बताया कि हंगामा कर रहे कुछ छात्र आयोजन स्थल पर लगे बुक स्टाल पर पहुंच गए। वहां उन्होंने किताबें फेंक दीं और वहां पड़ी कुर्सियां, मेज तोड़ डाले। आनन-फानन में प्रोफेसर चौथी राम को कॉलेज से बाहर पहुंचा दिया गया। पदाधिकारियों ने संगोष्ठी कक्ष में ताला लगा दिया और संगोष्ठी को रद्द कर दिया गया। हालात बेकाबू होते देख पुलिस को सूचना दे दी गई।
संघ प्रमुख पर कथित अभद्र टिप्पणी की जानकारी मिलते ही इसके विरोध में संघ और विहिप के सदस्य भी बरेली कॉलेज पहुंच गए। इन सदस्यों ने वहां कई शिक्षकों को जमकर फटकार लगाई।
प्रोफेसर चौथी राम यादव ने कहा कि उनके बयान में कहीं भी संघ प्रमुख मोहन भागवत का जिक्र नहीं आया। जिस संदर्भ में अतिवाद की चर्चा हुई, उसका गलत अर्थ निकाला गया। भागवत को आतंकवादी कहने का प्रश्न ही नहीं। फिर भी अगर उनके बयान से किसी को ठेस पहुंची है, तो वे माफी मांगते हैं।
इस बीच, बरेली के अपर पुलिस अधीक्षक (नगर) समीर सौरभ ने बताया कि प्रोफेसर चौथी राम यादव के खिलाफ थाना बारादरी में देर रात मुकदमा दर्ज किया गया है। हालांकि कार्यक्रम की वीडियो फुटेज अभी उपलब्ध नहीं हुई है। बहरहाल, पुलिस जांच कर रही है।
सुरक्षा की दृष्टि से सोमवार को सुबह से कॉलेज के बाहर कई थानों की पुलिस तथा अर्धसैनिक बल को तैनात किया गया है। (भाषा)