शनिवार, 20 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. राष्ट्रीय
  4. Manish Sisodia
Written By
Last Modified: नई दिल्ली , शनिवार, 14 फ़रवरी 2015 (19:08 IST)

रोचक है मनीष सिसौदिया का राजनीतिक सफर

रोचक है मनीष सिसौदिया का राजनीतिक सफर - Manish Sisodia
नई दिल्ली। पत्रकारिता से अपने करियर की शुरुआत कर भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता और अंतत: दिल्ली सरकार में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बाद नंबर दो की हैसियत हासिल करने वाले मनीष सिसौदिया का यह सफर कोई कम रोचक नहीं है।
 
उप मुख्यमंत्री का पद संभालने जा रहे सिसौदिया शिक्षा, शहरी विकास और लोक निर्माण विभाग का कामकाज देखेंगे। ये ऐसे महत्वपूर्ण विभाग हैं जिनमें केंद्र के साथ लगातार संपर्क बनाए रखने की जरूरत होगी।
 
उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के फौगाता गांव में एक अध्यापक के घर 2 फरवरी 1972 को जन्मे 43 वर्षीय मनीष सिसौदिया आप के शैक्षणिक एजेंडे को क्रियान्वित करेंगे जिसमें नए स्कूलों का निर्माण और शैक्षणिक ढांचे में विस्तार भी शामिल है। गांधीवादी सिद्धांतों का कड़ाई से पालन करने वाले सिसौदिया को पार्टी नेता केजरीवाल की छाया के रूप में देखते हैं क्योंकि दोनों नेताओं के बीच गजब के निजी रिश्ते हैं।
 
सिसौदिया का टि्वटर प्रोफाइल बताता है, यह तो पक्का पता नहीं कि मैं नेता हूं, कार्यकर्ता, पाठक, लेखक, पत्रकार या... लेकिन मैं भारतीय हूं। मुझे गांधी पसंद हैं क्योंकि वे हमेशा अपनी खुद की पहचान से आगे रहे। 
 
सिसौदिया ने पत्रकारिता में डिप्लोमा हासिल करने के बाद बतौर पत्रकार करियर शुरू किया लेकिन उन्हें सामाजिक कार्य अधिक पसंद आते थे। पहले उन्होंने अपने एनजीओ कबीर और उसके बाद केजरीवाल के साथ परिवर्तन की शुरुआत की।
 
बाद में सूचना के अधिकार आंदोलन में भाग लेने के लिए उन्होंने पत्रकारिता को अलविदा कह दिया। केजरीवाल की भांति ही उन्होंने भी सूचना के अधिकार अधिनियम के मसौदे को तैयार करने में अपना योगदान दिया। 
 
इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) के दिनों से वे एक प्रमुख हस्ती बनकर उभरे। वे जनलोकपाल आंदोलन के संस्थापक सदस्यों में से एक थे और उन्होंने इसका पहला मसौदा तैयार करने वाली टीम में भी योगदान दिया। जब आंदोलन के दौरान अन्ना हजारे को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया तो वे भी जेल गए।
 
जब केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी का गठन करने का फैसला किया तो सिसौदिया उनके साथ चट्टान की तरह खड़े रहे। वे भी आप के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं और साथ ही शक्तिशाली राजनीतिक मामलों की समिति के भी सदस्य हैं।
 
पार्टी के सत्ता में आने के बाद सिसौदिया ने शिक्षा, लोक निर्माण विभाग, शहरी विकास और स्थानीय निकाय का कार्यभार संभाला था। दूसरी बार विधायक चुने गए सिसौदिया ने पटपड़गंज विधानसभा सीट पर भाजपा के विनोद कुमार बिन्नी को हराया। बिन्नी को आप ने पिछले साल पार्टी से निष्कासित कर दिया था। (भाषा)