गुरुवार, 26 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. EPF reduced interest rate by 0.15%,
Written By
Last Updated : गुरुवार, 5 मार्च 2020 (15:17 IST)

बड़ी खबर, EPF ने 0.15% घटाई ब्याज दर, 6 करोड़ लोगों पर क्या होगा असर

बड़ी खबर, EPF ने 0.15% घटाई ब्याज दर, 6 करोड़ लोगों पर क्या होगा असर - EPF reduced interest rate by 0.15%,
नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) की बैठक में गुरुवार को ब्याज दर 0.15% घटाने का फैसला किया गया है।
 
निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक में पीएफ पर ब्याज दर घटने के निर्णय से अब कर्मचारियों को कम मुनाफा मिलेगा। इससे नौकरीपेशा 6 करोड़ लोगों को नुकसान होगा। 
वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ब्याज दरें 8.65 फीसदी से घटाकर 8.50 फीसदी कर दी गई हैं। आपको बता दें कि  केंद्रीय न्यासी बोर्ड ही पीएफ पर ब्याज दर को लेकर फैसला लेता है और इस फैसले को वित्त मंत्रालय की सहमति की जरूरत होती है।
श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने बैठक के बाद कहा, 'ईपीएफओ ने सीबीटी की आज हुई बैठक में 2019-20 के लिये भविष्य निधि जमा पर 8.5 प्रतिशत ब्याज देने का निर्णय किया है।' मंत्री ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में कर्मचारी भविष्य निधि जमा पर 8.5 प्रतिशत ब्याज देने से ईपीएफओ के पास 700 करोड़ रुपए का अधिशेष होगा।
 
मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा, 'ईपीएफओ अगर 8.55 प्रतिशत ब्याज देता तो उसके पास 300 करोड़ रुपए का अधिशेष रहता। इससे ज्यादा ब्याज देने पर ईपीएफओ को नुकसान होता।'
 
ईपीएफ जमा पर 2019-20 के लिये घोषित ब्याज दर 2012-13 के बाद सबसे कम है। उस समय इसपर 8.5 प्रतिशत ब्याज दिया गया था।
 
ईपीएफओ ने अपने अंशधारकों को 2016-17 में 8.65 प्रतिशत, 2017-18 में 8.55 प्रतिशत का ब्याज दिया था। वित्त वर्ष 2015-16 में ब्याज दर 8.8 प्रतिशत थी। वित्त वर्ष 2013-14 और 2014-15 में ब्याज दर 8.75 प्रतिशत तथा 2012-13 में 8.5 प्रतिशत थी।
 
श्रम मंत्रालय को इस मामले में वित्त मंत्रालय से सहमति लेना जरूरी होता है। चूंकि ईपीएफओ रिटर्न मामले में भारत सरकार की गारंटी होती है, अत: वित्त मंत्रालय ब्याज दर की समीक्षा करता है ताकि ईपीएफओ की आय में किसी प्रकार की कमी से देनदारी नहीं बने।