एटीएम में नकदी की समस्या बरकरार, कतारें जस की तस
नई दिल्ली। बैंक और एटीएम के बाहर अभी भी कतारों की लंबाई में कोई उल्लेखनीय कमी नहीं आई है। लोग घंटों कतारों में खड़े हैं ताकि बंद हो चुके 500 और 1,000 के पुराने नोटों के बदले मान्य मुद्रा हासिल कर सकें। पुराने नोटों के अचानक बंद होने से लोगों को अपनी रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने में दिक्कतें पेश आ रही हैं, क्योंकि वे नकदी की तंगी से परेशान हैं।
नोटबंदी के बाद नौंवे दिन भी बैंक शाखाओं और एटीएम के बाहर बड़ी संख्या में लोग कतारों में लगे हैं। अधिकतर एटीएम में या तो नकदी नहीं है या उनमें नकदी जल्दी खत्म हो जाती है। लोगों को सरकार की ओर से तय अधिकतम 2,500 रुपए की नकदी निकासी के लिए भी 1-2 घंटे कतार में गुजारने पड़ रहे हैं।
बैंकों का कहना है कि सभी एटीएम मशीनों को 2,000 और 500 रुपए के नए नोटों के अनुरूप बनाने में अभी 10 से 15 दिन का समय और लगेगा, हालांकि गुरुवार को वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि बैंक शाखाओं के बाहर कतारों में महत्वपूर्ण कमी आई है और वास्तव में कोई परेशान होने वाली बात नहीं है।
सरकार के साथ-साथ रिजर्व बैंक भी बाजार में नकदी उपलब्ध कराने के लिए कड़ी मशक्कत कर रहा है। नोटबंदी का सबसे बुरा असर छोटे दुकानदारों, ढाबों और गली-मोहल्ले के किराना स्टोरों पर पड़ा है, जो आमतौर पर लेन-देन में नकदी का इस्तेमाल करते हैं। (भाषा)