आसाराम की उम्मीदें बढ़ीं, सहयोगी शिल्पी उर्फ संचिता को मिली जमानत
जोधपुर। नाबालिग से बलात्कार के मामले में जोधपुर जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे कथाकार आसाराम की सहयोगी शिल्पी उर्फ संचिता को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। शिल्पी को जमानत मिलने के बाद आसाराम को भी जमानत की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश विजय विश्नोई की बेंच ने शिल्पी की सजा स्थगित करते हुए उसे जमानत दे दी है।
शिल्पी ओर से हाईकोर्ट में अपील के बाद सजा स्थगन याचिका दायर की गई थी। इस मामले में जस्टिस विश्नोई ने सुनवाई पूरी करने के बाद बुधवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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शिल्पी के वकील ने सुनवाई के दौरान तर्क दिया कि उसने जमानत पर रहते हुए जमानत के नियमों को नही तोड़ा। ऐसे में एसओएस यानी की सस्पेंसन ऑफ सेंटस का लाभ मिलना चाहिए। आसाराम मामले में सह-अभियुक्त शिल्पी छिंदवाड़ा आश्रम की हॉस्टल वार्डन शिल्पी थी। शिल्पी को 25 अप्रैल 2018 को 20 साल कैद की सजा सुनाई थी।
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उल्लेखनीय है कि एक नाबालिग के साथ बलात्कार के मामले में जोधपुर पुलिस ने आसाराम को गिरफ्तार कर जेल भेजा था, जबकि 25 अप्रैल 2018 को अदालत ने आसाराम को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई।