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Last Modified: शुक्रवार, 20 जुलाई 2018 (20:36 IST)

मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लोकसभा के इतिहास में 27वां, 15 वर्षों में पहला

मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लोकसभा के इतिहास में 27वां, 15 वर्षों में पहला - Avishvas Prastav
नई दिल्ली। नरेन्द्र मोदी नीत सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर शुक्रवार को लोकसभा में चर्चा हुई। यह अविश्वास प्रस्ताव सदन के इतिहास में 27वां और 15 वर्षों में पहला है।
 
 
लोकसभा सचिवालय के आंकड़े के अनुसार 27 अविश्वास प्रस्तावों में से 15 इंदिरा गांधी के खिलाफ प्रधानमंत्री के रूप में उनके पूर्ववर्ती कार्यकालों के दौरान लाए गए थे। लालबहादुर शास्त्री के खिलाफ 3 अविश्वास प्रस्ताव, पीवी नरसिंह राव के खिलाफ 3, मोरारजी देसाई के खिलाफ 2 और राजीव गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ 1-1 प्रस्ताव लाए गए थे।
 
पहला अविश्वास प्रस्ताव जवाहरलाल नेहरू के खिलाफ अगस्त 1963 में जेबी कृपलानी द्वारा लाया गया था। आखिरी अविश्वास प्रस्ताव 2003 में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी द्वारा वाजपेयी नीत राजग सरकार के खिलाफ लाया गया था। निचले सदन में इतिहास में केवल 1 बार ऐसा हुआ, जब प्रधानमंत्री ने किसी अविश्वास प्रस्ताव के बाद इस्तीफा दिया। 1979 में मोरारजी देसाई ने इस्तीफा दे दिया था, क्योंकि प्रस्ताव पर चर्चा अनिर्णायक रही थी।
 
लोकसभा सचिवालय के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार तीसरी और चौथी लोकसभा में 6 अविश्वास प्रस्ताव लाए गए, जो कि अधिकतम हैं। 1962 से 1967 तक तीसरी लोकसभा ने 3 प्रधानमंत्री देखे- जवाहरलाल नेहरू, लालबहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी। चौथी लोकसभा 1967 से 1970 तक रही और उस समय इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं। इंदिरा गांधी के खिलाफ 15 अविश्वास प्रस्तावों में से 4 माकपा नेता ज्योतिर्मय बसु द्वारा लाए गए। (भाषा)
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