अमरनाथ यात्रा में श्रद्धालुओं की दूत बनकर सेवा कर रहे बहादुर सैनिक
जम्मू। अमरनाथ यात्रा में शामिल होने वालों ने 3 लाख का आंकड़ा 23 दिनों में पार कर रिकॉर्ड बनाया है। एक और श्रद्धालु की मौत के साथ ही मरने वालों की संख्या भी 24 हो गई है। इस बीच श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षाबलों के जवान दूत और मसीहा के रूप में सामने आ रहे हैं।
एक श्रद्धालु की मंगलवार को दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। इसी के साथ अमरनाथ यात्रा के दौरान प्राकृतिक कारणों से अभी तक मरने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा 24 पहुंच गया है। मंगलवार को जिस श्रद्धालु की मौत हुई वह महाराष्ट्र का था और उसका नाम पंकज गुलाम तांबोले था।
41 वर्ष के तांबोले को यात्रा मार्ग अचानक से सीने में दर्द की शिकायत हुई। उसके साथियों ने उसे निकट के मेडिकल कैंप पहुंचाया, यहां से उसे शेरे कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान सौरा श्रीनगर भेज दिया गया लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।
अमरनाथ यात्रा नया रिकॉर्ड बनाने की ओर आगे बढ़ रही है। मंगलवार को भी 15 हजार के करीब शिव भक्तों ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए। इसके साथ दर्शनार्थी यात्रियों ने पिछले तीन साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए अब तक की कुल संख्या ने 3 लाख का आंकड़ा पार कर लिया है।
इस बार 23 दिन में ही तीन लाख से अधिक श्रद्धालु पवित्र गुफा में हाजिरी दे चुके हैं। वर्ष 2018 में 60 दिन में 285006 यात्रियों ने दर्शन किए थे। पवित्र हिमलिंग के दर्शन के लिए देशभर से रोजाना हजारों यात्री पहुंच रहे हैं।
कश्मीर में जहां अमरनाथ यात्रियों की संख्या 3 लाख को पार कर चुकी है, वहीं कुछ ऐसे भी श्रद्धालु हैं जिनकी यात्रा के दौरान तबियत बिगड़ गई है। इनके लिए आईटीबीपी के जवान मसीहा बनकर खड़े हैं और इनकी जान बचा रहे हैं।
आईटीबीपी के जवानों ने अब तक 161 अमरनाथ यात्रियों को जीवनदान दिया है। यात्रा के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण 161 श्रद्धालु बेसुध हो गए, जिन्हें समय रहते आईटीबीपी के जवानों ने मदद मुहैया कराई।