छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा जिला छिंदवाड़ा चुनावी दृष्टिकोण से कई मायने में अहम है। वर्ष 2003 के विधानसभा चुनावों में भाजपा की ओर से प्रदेश में मुख्यमंत्री पद की दावेदार बना कर भेजीं गईं उमा भारती ने वर्ष 1993 से प्रदेश में सत्ता पर काबिज कांग्रेस को उखाड़ फेंकने के लिए अपने चुनावी अभियान का यहीं से आगाज किया था।
वहीं कांग्रेस ने इस बार छिंदवाड़ा के ही सांसद और पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों में से एक प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को प्रदेश में फिर से पार्टी का परचम फहराने की जिम्मेदारी सौंपी है। यही वजह है कि छिंदवाड़ा की सातों विधानसभा सीटों के चुनावी गणित पर सबकी निगाहें टिक गई हैं।
वर्ष 2013 के विधानसभा चुनावों के परिणामों में जिले की सात में से चार सीटों छिंदवाड़ा, सौंसर, चौरई, जुन्नारदेव पर भाजपा और तीन परासिया, पांढुर्णा, अमरवाड़ा पर कांग्रेस ने विजय हासिल की थी। जिन तीन सीटों पर कांग्रेस जीती, उसमें से अनुसूचित जनजाति (अजजा) के लिए सुरक्षित सीट पांढुर्णा तथा अमरवाड़ा में 'नोटा' ने तीसरे स्थान पर वोट हासिल किए।
इन दोनों ही सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी बहुत कम अंतर से जीते थे। जुन्नारदेव अजजा सीट पर भी नोटा ने नौ हजार से ज्यादा वोट पाकर प्रत्याशियों की जीत-हार का अंतर कम कर दिया था। ये तीनों ही सीटें आदिवासी व दूरदराज के ग्रामीण व वनीय क्षेत्रों वाली हैं, ऐसे में इन पर नोटा को बड़ी मात्रा में वोट मिलने से इस बार दोनों ही दलों को विश्लेषण पर मजबूर कर दिया है।
इस बार विधानसभा चुनाव के लिए छिंदवाड़ा जिले की सात विधानसभा क्षेत्रों में क्रमशः छिंदवाड़ा में दो लाख 54 हजार 485, अमरवाडा में दो लाख 29 हजार 411, परासिया में दो लाख एक हजार 773, जुन्नारदेव में दो लाख पांच हजार 94, चौरई में एक लाख 96 हजार 225, पांढुर्णा में एक लाख 96 हजार 90 तथा सौंसर में एक लाख 93 हजार 833 मतदाता हैं।
जिले में मुख्य रुप से भाजपा व कांग्रेस का ही संगठन सक्रिय है, किंतु अमरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में क्षेत्रीय दल के रुप में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की भी प्रभावी मौजूदगी है, जिसके नेता मनमोहन शाह बट्टी एक बार विधायक भी निर्वाचित हो चुके हैं। उनके इस बार फिर से अपनी किस्मत आजमाने के चलते मुकाबला और भी रोचक होने की उम्मीद है। वहीं इस बार आम आदमी पार्टी ने भी अब तक सात सीटों में से छह पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है।
भाजपा की ओर से आ रही खबरों के मुताबिक चारों मौजूदा विधायक चौधरी चन्द्रभान सिंह, नानाभाऊ महोड़, रमेश दुबे और नाथन शाह कवरेती को ही दोबारा मौका मिल सकता है, वहीं कांग्रेस की ओर से भी दो मौजूदा विधायकों सोहन वाल्मीकि तथा जतन उइके ही मैदान में उतारे जा सकते हैं। अमरवाड़ा सीट पर कांग्रेस की ओर से मौजूदा विधायक कमलेश शाह को लेकर अभी संशय बना हुआ है।
सातों विधानसभा क्षेत्रों के लिए एक हजार 930 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, इनमें पहली बार 28 पिंक मतदान केंद्र होंगे।
छिंदवाड़ा में भी राज्य की सभी 230 विधानसभा सीटों के लिए एकसाथ 28 नवंबर को मतदान होगा। छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र के रूप में कमलनाथ का कांग्रेस नेता के रूप में अभेद गढ़ माना जाता है। कमलनाथ लगभग चार दशक से छिंदवाड़ा में सक्रिय हैं। (वार्ता)