शनिवार, 21 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. मध्यप्रदेश
  4. Rape cases are not stopped in Madhya Pradesh even after hanging
Written By Author विकास सिंह
Last Modified: सोमवार, 11 जनवरी 2021 (18:15 IST)

शर्मनाक:रेप पर फांसी की सजा फिर भी मध्यप्रदेश में नहीं थम रहे बलात्कार के मामले

सीधी गैंगरेप और हैवानियत के बाद सिस्टम से लेकर समाज तक सवालों के घेरे में

शर्मनाक:रेप पर फांसी की सजा फिर भी मध्यप्रदेश में नहीं थम रहे बलात्कार के मामले - Rape cases are not stopped in Madhya Pradesh even after hanging
भोपाल। मध्यप्रदेश के सीधी में महिला के साथ गैंगरेप के बाद हुई हैवानियत ने एक बार फिर निर्भया कांड की यादें ताजा कर दी है। जिले के अमरिया थाना इलाके में महिला के साथ तीन आरोपियों ने पहले गैंगरेप किया फिर हैवानियत की सभी सीमा तोड़ते हुए प्राइवेट  पार्ट में सरिया डाल दिया। पीड़िता को गंभीर हालत में रीवा में भर्ती कराया गया है जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। 
 
सीधी में गैंगरेप और हैवानियत की घटना ने एक बार फिर हमारे सिस्टम पर सवाल खड़ा कर दिया है। प्रदेश में रेप के मामलों में फांसी देने की सजा के प्रावधान के बाद भी लगातार बच्चियों और महिलाओं के साथ रेप और गैंगरेप की घटनाओं में इजाफा होता जा रहा है।
 
देश में मध्यप्रदेश ऐसा राज्य है जिसने रेप के मामलों में फांसी देने की सजा का प्रावधान है, फिर प्रदेश में बलात्कार के मामले थम नहीं रहे हैं। महिला अपराध शाखा की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2020 में 5600 सौ बलात्कार के मामले दर्ज हुए हैं। अगर पिछले पांच साल के रेप के आंकड़ों को देखे तो पांच साल में 27 हजार से अधिक रेप और 15 हजार से करीब रेप की कोशिश के केस पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज हुए है।   
‘अपनों’ से ही सबसे अधिक खतरा!– प्रदेश में बलात्कार के मामले जिस तेजी से बढ़ रहे हैं उससे सवाल यह खड़ा हो रहा है कि  क्या आरोपियों को कानून का भी खौफ नहीं है। नेशनल क्राइम ब्यूरो की रिपोर्ट बताती है कि अधिकतर बलात्कार के मामले में आरोपी उसके ही करीबी होते हैं। NCRB रिपोर्ट में सबसे अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि महिला के खिलाफ अपराधों (क्रूरता ) में सबसे पति और रिश्तेदारों द्धारा क्रूरता के सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए है।
 
इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन फंड की एक रिपोर्ट के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान चाइल्ड पोर्नोग्राफी सर्च में 100  प्रतिशत का इजाफा देखा गया है। रिपोर्ट में चाइल्ड पोर्नोग्राफी के मध्य भारत के हॉटस्पॉट  में इंदौर का नाम भी शामिल है। मनोचिकित्सक डॉक्टर सत्यकांत कहते हैं कि पिछले कुछ सालों में पॉर्न एडिक्शन के चलते ही महिलाओं के प्रति अपराधों में तेजी से इजाफा हुआ है। वह कहते हैं अगर रेप की सभी घटनाओं को उठाकर देखे तो उसके पीछे अपराधियों की पॉर्न देखने की लत और शराब को बड़ा कारण पाया गया है।
 
वहीं आज भोपाल में महिला सुरक्षा से जुड़े एक कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इंटरनेट पर आसानी से उपलब्ध पोर्न सामग्री और इस पर प्रभावी रोक नहीं लग पाना आज सबसे बड़ी चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि अब महिला सुरक्षा के लिए आउट ऑफ बॉक्स जाकर सोचने की जरूरत है।उन्होंने कहा कि अपराधों को जड़ से समाप्त करने के लिए मानसिकता बदलने के साथ जागरूकता लाना आनिवार्य है। 
 
ये भी पढ़ें
PM मोदी ने मुख्यमंत्रियों को बताया वैक्सीनेशन का Blue Print, बैठक की खास 10 बातें