गृहस्थ संत देवप्रभाकर शास्त्री 'दद्दाजी' का निधन
जबलपुर। गृहस्थ संत देवप्रभाकर शास्त्री 'दद्दाजी' का रविवार को निधन हो गया। दद्दाजी की हालत गंभीर थी और वे वेंटीलेटर पर थे। उनका दिल्ली में इलाज चल रहा था। दिल्ली से शनिवार रात नौ बजे दद्दाजी को एयर एंबुलेंस से जबलपुर लाया गया था। यहां से उन्हें कटनी ले जाया गया।
उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। दद्दाजी के निधन के बाद उनके अनुयायियों में शोक की लहर दौड़ गई। कटनी के गृहग्राम दद्दा धाम में उन्होंने अंतिम सांस ली। दद्दाजी को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह भी बहुत मान देते थे। आज ही भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और गोपाल भार्गव सहित कई नेता उनको देखने पहुंचे थे।
दद्दाजी के पार्थिव शिवलिंग निर्माण अनुष्ठान और कथाओं में राजनेता और फिल्म जगत की हस्तियां शामिल होती थीं। फिल्म अभिनेता आशुतोष राणा और राजपाल यादव दद्दाजी के अनुयायी थे। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दद्दाजी के निधन पर शोक जताया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दी श्रद्धांजलि : मध्यप्रदेश के महान संत, आध्यात्मिक गुरु, लाखों लोगों के जीवन को दिशा देने वाले, ऐसे महात्मा जिनका संपूर्ण जीवन पीड़ित मानवता की सेवा में समर्पित था, जिन्होंने अपनी आध्यात्मिक शक्ति व आशीर्वाद से लोगों की ज़िंदगी बदल दी। ऐसे पूजनीय दद्दाजी के चरणों में श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव : आज परम पूज्य गृहस्थ संतश्री देव प्रभाकरजी शास्त्री जिन्हें हम सभी 'दद्दाजी' के नाम से, प्रेमभाव से स्मरण करते थे, हमारे बीच नहीं रहे। अपने जीवन के 60 वर्ष उन्होंने गृहस्थ संत के रूप बिताए, जो कि सनातन संस्कृति के इतिहास में दुर्लभ हैं। पूज्य शास्त्रीजी परम ज्ञानी, तपस्वी एवं सिद्ध पुरुष थे। उनका निधन सनातन धर्म अनुयायियों के पितृ पुरुष का प्रयाण है। वे साक्षात भगवत पुत्र थे।