मध्यप्रदेश के नीमच जिला मुख्यालय से लगभग 18 किमी की दूरी पर स्थित है मां भादवा का मंदिर। यहां बहुत ही चमत्कारी मूर्ति है। श्रद्धालुओं में ऐसी मान्यता है कि लकवा, कोढ़ आदि रोगों से ग्रस्त रोगी यहां से निरोग होकर जाते हैं।
लकवे जैसे असाध्य रोगों को हरने वाली मालवा की वैष्णोदेवी के नाम से प्रसिद्ध भादवा माता के दरबार में नवरात्रि के दिनों में काफी भीड़ उमड़ती है। माना जाता है कि यहां की अमृत बावड़ी का पानी चमत्कारी है, जिसके सेवन और स्नान मात्र से ही सारे दुखों का नाश हो जाता है, खासकर ये पानी लकवे जैसी असाध्य बीमारी में बड़ा ही कारगर है। यहां कई पीड़ित आकर पूरी तरह स्वस्थ होकर लौटे हैं। मां के चमत्कार की महिमा इतनी है कि यहां देशभर से लोग बड़ी तादाद में पूरे वर्ष आते हैं। नवरात्रि के दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में हो जाती है।
ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान रोजाना मां भादवा अपने मंदिर परिसर में भ्रमण करती हैं और यहां आने वाले श्रद्धालुओं के दुखों को हर कर अपने साथ ले जाती हैं। भादवा माता के दरबार का चमत्कार ऐसा है कि यहां जो भी पीड़ित गंभीर हालत में लाया गया वो अपने पैरों पर चलकर ही यहां से जाता है। मां के दरबार में आने के साथ ही यहां का चमत्कार दिखाई देने लग जाता है और पीड़ित को पहले ही दिन से राहत महसूस होने लगती है।
प्रतिवर्ष चैत्र और कार्तिक माह में नवरात्रि पर भादवा माता मंदिर परिक्षेत्र में विशाल मेले का आयोजन होता है, जिसमें शामिल होने दूर-दूर से भक्त आते हैं। कुछ भक्त तो नंगे पैर मां के दरबार में हाजिरी लगाते हैं।