कृष्ण प्रेम में डूबी अमेरिकी 'राधा'
बैतूल। भारतीय संस्कृति और संस्कार की पूरी दुनिया दीवानी है, इसकी बानगी इन दिनों मध्यप्रदेश के बैतूल में रह रही एक अमेरिकी महिला में देखी जा सकती है। इसने भगवान कृष्ण को अपना प्रेमी और शिव को अपना पति मान लिया है।
ये दास्तान है 35 साल की अमेरिकी नागरिक एनजी की, जो अब अपना नाम अंजलि बताती है। यह बैतूल के श्री रुक्मणी बालाजी मंदिर बालाजीपुरम में पिछले दो माह से भगवान भक्ति में लीन है। खुद को मुरलीधर भगवान कृष्ण की प्रेमिका बताने वाली एनजी उनके प्रेम में इतनी दीवानी हुई कि अमेरिका के सेन फ्रांसिस्को का अपना घर छोड़ा, मां-बाप, भाई-बहन छोड़े, अपनी ग्राफिक डिजाइनर की नौकरी छोड़ी और हिन्दु्स्तान आ गई। एनजी के अनुसार, वे कृष्ण की प्रेमिका हैं और शिव को उन्होंने अपना पति मान लिया है। 2012 से वे कन्हैया की दीवानी हैं।
एनजी ने बताया कि नवंबर 2015 में उसे बालाजीपुरम का मंदिर स्वप्न में दिखा था। उसे ढूंढते हुए वह रामेश्वरम पहुंच गई। वहां स्वप्न में देखे मंदिर को न पाकर उसने फिर उसकी तलाश शुरू की और एक दिन इंटरनेट पर श्री रुक्मणी बालाजीपुरम मंदिर मिल गया जो हूबहू स्वप्न में दिखे मंदिर जैसा था। इसके बाद ई-मेल के जरिए उसका संपर्क बालाजीपुरम के संस्थापक अप्रवासी भारतीय सैम वर्मा से हुआ और वह बैतूल के बालाजीपुरम पहुंच गई। तब से अब तक वह बैतूल में ही रह रही हैं।
मंदिर के संस्थापक सैम वर्मा बताते हैं कि श्री रुक्मणी बालाजीपुरम में एनजी बिलकुल साधारण परिवेश में अपने दिन गुजार रही हैं। न किसी से मिलना-जुलना न कहीं जाना, बस ईश भक्ति में एनजी का सारा दिन गुजरता है।
उन्होंने बताया कि सुबह उठना, अपने प्रियतम और पति का नाश्ता, उन्हें तैयार करना, उनके साथ हंसी-ठिठौली करना, उन्हें घुमाने निकल पड़ना और कभी मंदिर में बैठकर भगवान भक्ति में डूब जाना, यही एनजी की दिनचर्या है।
मंदिर के मुख्य पुजारी असीम पंडा के मुताबिक, एनजी जैसी भक्ति उन्होंने अब तक नहीं देखी। बंसी बजैया की प्रेम दीवानी के लिए आज जन्माष्टमी का दिन खास है। आज वह अपने कान्हा को सजाएंगी-संवारेंगीं और उनके खास पकवानों का भोग लगाएंगीं। (वार्ता)