Last Modified: नई दिल्ली (भाषा) ,
शनिवार, 23 मई 2009 (19:29 IST)
आनंद शर्मा को मिला 'जय हो' का तोहफा
आनंद शर्मा को कैबिनेट में स्थान मिलना कांगेस को उनकी सेवाओं विशेषकर चुनाव रणनीति में उनके योगदान का बहुप्रतीक्षित तोहफा है।
हिमाचल प्रदेश के 56 वर्षीय इस नेता ने पार्टी में कई बार अपनी उपयोगिता को साबित किया है। कांगेस के चुनाव प्रचार को दिशा देने के लिए बनाए गए 'वार रूम' में शर्मा भी शामिल थे।
कांगेस के चुनाव प्रचार में ऑस्कर विजेता फिल्म स्लमडाग मिलेनियर के 'जय हो' गीत का इस्तेमाल करने का विचार शर्मा का ही था। ऐसा प्रतीत होता है कि कांगेस को 'जय हो' नारे से लाभ मिला। यह दीगर बात है कि इस नारे का काट करने के लिए चुनाव में भाजपा ने 'भय हो' का नारा दिया था।
कुशल वक्ता शर्मा ने कांगेस के प्रवक्ता की कई साल तक भूमिका निभाई। उन्हें 2006 में विदेश राज्य मंत्री बनाया गया था। पिछले साल प्रियरंजन दासमुंशी के गंभीर रूप से बीमार होने के बाद उन्हें सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया।
पेशे से वकील शर्मा राज्यसभा में हिमाचल प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हैं। इससे पूर्व वह चार बार उच्च सदन के सदस्य रह चुके हैं।
छात्र राजनीति के जरिए सार्वजनिक जीवन में प्रवेश करने वाले शर्मा एनएसयूआई के संस्थापक सदस्यों में शामिल हैं। शर्मा राजीव गाँधी के दौर में भारतीय युवक कांगेस के अध्यक्ष के रूप में दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद मुद्दे के खिलाफ सक्रियता दिखाने के मुद्दे पर चर्चा में आए थे। उनकी पत्नी जेनोबिया भी दक्षिण अफ्रीका से हैं।-भाषा