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Last Modified: मंगलवार, 31 जुलाई 2018 (22:44 IST)

मैं फालतू चर्चा पर ध्यान नहीं लगाता: विराट

मैं फालतू चर्चा पर ध्यान नहीं लगाता: विराट - Virat Kohli, Cricket, Indian captain
जबस्टन। भारतीय कप्तान विराट कोहली 2014 में पिछले इंग्लैंड दौरे में अपनी खराब सीरीज पर कोई ध्यान नहीं लगाना चाहते और उनका एकमात्र फोकस मैदान पर उतर कर टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन करने पर है।


टेस्ट रैंकिंग में दुनिया के दूसरे नंबर के बल्लेबाज विराट इंग्लैंड के खिलाफ बुधवार से शुरू होने वाले पहले टेस्ट की पूर्वसंध्या पर संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे।

इंग्लैंड में अब भी खुद को साबित करने के सवाल को वह किस नजरिए से देखते हैं, विराट ने कहा, जब मैं इन चीजों के बारे में ज्यादा नहीं जानता था तब मैं इन बातों की चिंता किया करता था क्योंकि मैं काफी पढ़ता था। लेकिन मैंने अब बाहरी बातों के बारे में सोचना बंद कर दिया है कि लोग क्या कहते हैं, क्या सोचते हैं और क्या लिखते हैं। 
 
भारतीय कप्तान ने कहा, मैं अपने दिमाग को साफ सुथरा रखना चाहता हूं ताकि मैं सिर्फ अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान लगा सकूं। यदि मैं इन बातों के बारे में सोच कर अपनी ऊर्जा को बर्बाद करूंगा तो मैं अपने आप से और अपने दिमाग से समझौता करूंगा।
 
विराट ने कहा, जब मैं मैदान में उतरता हूं तो मेरे हाथ में बल्ला होता है और मैं उन लोगों के बारे में नहीं सोचता जो बाहर बैठकर लिखते हैं और चीजों की भविष्यवाणी करते हैं। मैं इतना जानता हूं कि मुझे अपने दिमाग में पूरी तरह स्पष्ट रहना है।
 
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में जल्द ही 10 साल पूरे करने जा रहे विराट से इस बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, जब मैंने अपना करियर शुरू किया था तब मैंने इस बारे में कुछ सोचा नहीं था। मैं यहां अपने करियर के 10 साल जल्द ही पूरे करूंगा। मुझे किसी तरह की कोई शिकायत नहीं है।
 
मुझे किसी देश में खुद को साबित नहीं करना है। मैं केवल अपनी टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन करना चाहता हूं, मैं अपनी टीम के लिए रन बनाना चाहता हूं और भारतीय क्रिकेट को आगे ले जाना चाहता हूं। 
 
दुनिया की नंबर एक टीम के इस सीरीज में दावेदार या छुपा-रुस्तम होने के सवाल पर विराट ने कहा, इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप दावेदार हैं या फिर अंडरडॉग, आपको मैदान में तो उतरना ही है।
 
यदि आप अंडरडॉग हैं तो इसका यह मतलब नहीं कि दबाव सिर्फ विपक्षी टीम पर होगा और यदि आप दावेदार हैं तो भी इसका यह मतलब नहीं कि आप दबाव से मुक्त रहेंगे। मुझे लगता है आपको संतुलन बनाकर चलने की जरूरत है।

विराट ने कहा, अंडरडॉग या दावेदार होना आपके दिमाग में है। इस बारे में ज्यादा सोचने के बजाए आपको प्रोफेशनल होने की जरूरत है। हम यही एक टीम के रूप में करना चाहते हैं, प्रोफेशनल और प्रदर्शन में निरंतरता।
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