गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खेल-संसार
  2. क्रिकेट
  3. समाचार
  4. Shreesanth dropped out of shortllist players in IPL bidding
Written By
Last Updated : शुक्रवार, 12 फ़रवरी 2021 (23:05 IST)

श्रीसंत को नहीं मिली आईपीएल नीलामी के शॉर्टलिस्ट खिलाड़ियो में जगह

श्रीसंत को नहीं मिली आईपीएल नीलामी के शॉर्टलिस्ट खिलाड़ियो में जगह - Shreesanth dropped out of shortllist players in IPL bidding
आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग विवाद में फंसने के बाद हाल ही में क्रिकेट में वापसी करने वाली टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज शांतकुमारन श्रीसंत को आईपीएल नीलामी के शॉर्टलिस्ट खिलाड़ियों जगह नहीं मिली है।
 
आईपीएल 2013 में स्पॉट फिक्सिंग विवाद में नाम जुड़ने के बाद श्रीसंत का निलंबन पिछले वर्ष सितंबर में खत्म हुआ था जिसके बाद हाल ही में उन्होंने क्रिकेट के मैदान में वापसी की थी और मुश्ताक अली में केरल की तरफ से खेले थे। श्रीसंत का आधार मूल्य 75 लाख था लेकिन उन्हें शॉर्टलिस्ट खिलाड़ियों की सूची में जगह नहीं मिली, हालांकि उन्होंने कुछ समय पहले दावा करते हुए कहा था कि कुछ फ्रेंचाइजों ने उनसे बातचीत की है लेकिन उन्हें शॉर्टलिस्ट खिलाड़ियों में शामिल नहीं किया गया।

हालांकि इस से श्रीसंत के हौसले पस्त नहीं हुए हैं उन्होंने कहा है कि उन्होंने लगभग 8 साल इंतजार किया है, इंतजार और सही। लिस्ट में मेरा नाम नहीं है इस से दुख हुआ लेकिन मैं लड़ता रहूंगा।
 
तेज गेंदबाज शांतकुमारन श्रीसंत पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने वर्ष 2013 में आईपीएल के दौरान कथित तौर पर फिक्सिंग में शामिल होने को लेकर लगाया आजीवन प्रतिबंध हटाने का फैसला पिछले साल लिया था और उन पर लगा बैन अगस्त 2020 में खत्म हो गया था।
 
36 वर्षीय श्रीसंत पर आईपीएल 2013 में राजस्थान रायल्स के लिए खेलने के दौरान मैच फिक्सिंग में शामिल होने जैसे गंभीर आरोप लगे थे जिसके बाद बीसीसीआई की अनुशासन समिति ने श्रीसंत और राजस्थान के दो अन्य खिलाड़ी अजित चंदेला तथा अंकित चव्हाण पर आजीवन प्रतिबंध लगाया था।
 
श्रीसंत ने हालांकि बीसीसीआई के इस फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील दायर की थी जिसपर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश अशोक भूषण और केएम जोसफ की पीठ ने इस वर्ष 15 मार्च को बीसीसीआई की अनुशासन समिति के फैसले को पलट दिया था।(वार्ता)
ये भी पढ़ें
दूसरे टेस्ट के दूसरे दिन वेस्टइंडीज ने कसा बांग्लादेश पर शिकंजा