शोएब अख्तर बोले, पीसीबी को अभी और शर्मिंदगी झेलनी पड़ेगी
कराची। पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर का मानना है कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड अगर स्पॉट फिक्सिंग के आरोपी शारजील खान और खालिद लतीफ के खिलाफ आरोप साबित नहीं कर पाती है तो उसे और शर्मिंदगी झेलनी पड़ेगी।
पीसीबी ने भ्रष्टाचार रोधी कानून के तहत शारजील और खालिद को निलंबित किया था और स्वदेश लौटने के बाद ये दोनों खिलाड़ी लाहौर में एसीयू प्रमुख और बोर्ड के कानूनी विशेषज्ञों के समक्ष तीन बार पेश हो चुके हैं।
अख्तर ने एक टीवी चैनल से कहा, 'मुझे नहीं पता लेकिन अगर शारजील और खालिद दोष स्वीकार नहीं करते और बोर्ड आरोप पत्र तय करता है और इस मामले की जांच के लिए आयोग नियुक्त करता है तो मुझे लगता है कि एसीयू प्रमुख ने जल्दबाजी की और खिलाड़ियों को स्वदेश भेजकर उन्होंने बड़ी गलती की है।'
रावलपिंडी एक्सपेस के नाम से मशहूर पूर्व तेज गेंदबाज ने दावा करते हुये कहा कि उन्हें लगता है कि पीसीबी की भ्रष्टाचार रोधी इकाई के प्रमुख कर्नल सेवानिवृत्त आजम ने इस पूरे प्रकरण में जल्दबाजी दिखाई और भारी गलती की। उन्होंने कहा कि किसी भी अदालत या आयोग के समक्ष मैच फिक्सिंग का आरोप साबित करना हमेशा से मुश्किल रहा है।
पाकिस्तान के लिए 46 टेस्ट, 163 वनडे और 15 ट्वंटी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले अख्तर ने 2011 में हुए विश्वकप के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। उनके नाम सबसे तेज 161 किमी प्रतिघंटे की गति से गेंद फेंकने का रिकॉर्ड है।
41 वर्षीय अख्तर ने कहा, 'मुझे यह समझ में नहीं आता है कि अगर बोर्ड कह रहा है कि मजबूत साक्ष्यों और दस्तावेजों के आधार उन्हें निलंबित किया गया है तो आखिर क्यों वे दोष स्वीकार नहीं कर रहे और मामले को अदालत में ले जा रहे हैं।'
उन्होंने कहा कि वह हमेशा इन सबसे दूरी बनाए रखते थे और दूसरों को भी इससे बचते हुए गरिमा और गंभीरता से खेलने की सलाह देते थे। (वार्ता)