नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग को लेकर विभिन्न स्तरों पर भले ही आशंकाएं उठती रही हों लेकिन आईपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला ने इसे 'भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाने' और 'अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बीसीसीआई का दबदबा बनाने' वाली लीग करार दिया।
आईपीएल पिछले 10 वर्षों से चल रहा है और इस दौरान विवादों से भी उसका नाता रहा। बंबई उच्च न्यायालय ने हाल में कहा था कि आईपीएल ने लोगों को 'सट्टेबाजी और फिक्सिंग' जैसे शब्दों से परिचित कराया है और अब समय आ गया है, जब देखना होगा कि क्या यह टूर्नामेंट क्रिकेट खेल के हित में है।
शुक्ला ने 'भाषा' को दिए गए विशेष साक्षात्कार में कहा कि मैं अदालत की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया करना उचित नहीं समझता हूं। हम यही कह सकते हैं कि आईपीएल की वजह से सैकड़ों क्रिकेटरों को मौका मिला। विशेषकर जूनियर क्रिकेटरों को इसका बहुत बड़ा फायदा मिला है और सरकार को भी कर का भुगतान होता है।
उन्होंने कहा कि आईपीएल की वजह से ही देश-विदेश में हमारी (बीसीसीआई) धाक जमी। फुटबॉल के बाद सबसे बड़ी लीग हमने बनाई है जिसका पूरे विश्व में दबदबा और रौब है। इससे खिलाड़ियों और देश को फायदा हुआ है। भारत की प्रतिष्ठा बढ़ रही है। अगर उसमें कोई आरोप या विवाद पैदा होता है तो उससे निबटने के लिए हम सख्ती से कदम उठाते हैं।
आईपीएल इस साल 7 अप्रैल से 27 मई तक चलेगा। स्पॉट फिक्सिंग के कारण 2 साल का निलंबन झेलने वाली चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रॉयल्स इस बार वापसी कर रही हैं और शुक्ला ने कहा कि सट्टेबाजी और फिक्सिंग जैसी समस्याओं से निबटने के लिए कड़ी व्यवस्था की गई है।
उन्होंने कहा कि हमने फिक्सिंग के लिए विशेष उपाय कर रखे हैं। आईसीसी और बीसीसीआई दोनों की भ्रष्टाचार निरोधक इकाइयां खिलाड़ियों पर निगरानी रखेंगी। वैसे भी बीसीसीआई के नियम सख्त हैं और अगर कोई खिलाड़ी दोषी पाया जाता है तो उसे कड़ी सजा दी जाती रही है। जिम्मेदारी इन दोनों एजेंसियों पर है और इनमें काफी जिम्मेदार लोग हैं।
शुक्ला ने कहा कि हमने पहले ही घोषणा की थी कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के हिसाब से चलेंगे। लोढ़ा समिति ने इन्हें (रॉयल्स और सीएसके) 2 साल के लिए निलंबित किया था और इसलिए हमने उसे जस का तस लागू किया। शुक्ला ने नीलामी पर संतोष जताया जिसमें इस साल अनकैप्ड खिलाड़ियों (जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेली हो) को विशेष तवज्जो दी गई।
उन्होंने कहा कि नीलामी संतोषजनक रही। इस बार नीलामी की खासियत अनकैप्ड खिलाड़ियों को पूरा मौका देना रहा। पहले मार्की खिलाड़ी रखे जाते थे और बाद में अनकैप्ड खिलाड़ी आते थे। तब तक फ्रेंचाइजी के पास धनराशि बहुत कम रह जाती थी। इस बार हमने एक सेट मार्की खिलाड़ियों और फिर अगला सेट अनकैप्ड खिलाड़ियों का निकाला जिससे घरेलू और जूनियर क्रिकेटरों को भी अच्छा पैसा मिला।
क्रिस गेल को तीसरी बार नीलामी में शामिल करने के सवाल पर शुक्ला ने कहा कि फ्रेंचाइजी की मांग के कारण यह फैसला किया गया। गेल पहली और दूसरी नीलामी में नहीं बिक पाए थे जिसके बाद किंग्स इलेवन पंजाब ने तीसरी नीलामी में उन्हें आधार मूल्य 2 करोड़ रुपए में खरीदा।
शुक्ला ने कहा कि गेल की बात है तो यह फ्रेंचाइजी का फैसला है कि वे किसको लेते हैं या नहीं। हमने गेल को शुरू में ही रखा था लेकिन पहली 2 बार उनकी नीलामी नहीं हुई। अगर फ्रेंचाइजी कहें तो तीसरी बार भी बोली लगाने का प्रावधान है और इसलिए गेल को तीसरी नीलामी में एक फ्रेंचाइजी ने खरीदा। किसी को प्राथमिकता नहीं दी गई, सभी के साथ पूरा न्याय हुआ।
आईपीएल-2018 से राजस्व का मॉडल भी बदल गया है और इसमें फ्रेंचाइजी का विशेष ध्यान रखा गया है जिन्हें राजस्व का हिस्सा मिलेगा। शुक्ला ने कहा कि अभी तक फ्रेंचाइजी को लाइसेंस फीस देनी होती थी लेकिन अब राजस्व मॉडल शेयर आधारित होगा और फ्रेंचाइजी को भी केंद्रीय राजस्व से पैसा मिलेगा। प्रसारण अधिकारों से मिलने वाली धनराशि का हिस्सा फ्रेंचाइजी को भी मिलेगा। (भाषा)