इंदौर का होलकर स्टेडियम पांचवें वनडे की मेजबानी करने जा रहा है...भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच यहां तीसरा एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच भले ही 24 सितंबर को खेला जाएगा, लेकिन उसके पूर्व बीसीसीआई के पिच क्यूरेटर समंदर सिंह चौहान की नजरें आसमान पर टिकी हुई हैं, क्योंकि पिछले कई दिनों से पूरा शहर बारिश से तरबतर होता रहा। इंदौर के क्रिकेटप्रेमियों को यही डर है कि कहीं बारिश उनकी उम्मीदों पर पानी न फेर दे...
55 साल के समंदर सिंह को 35 सालों से पिच बनाने का अनुभव है और होलकर स्टेडियम में पिछले चार वनडे मैचों के लिए उन्होंने जो पिचें तैयार की थीं, उन सभी में भारत विजयी रहा था। यही नहीं, 2016 में न्यूजीलैंड और भारत के बीच एमपीसीए के डेब्यू टेस्ट में भी विराट कोहली की अगुआई में टीम इंडिया ने शानदार फतह पाई थी।
पिच क्यूरेटर समंदर सिंह निमोनिया हो जाने की वजह से पिछले 10 दिनों से बीमार थे और सोमवार को बॉम्बे अस्पताल से छुट्टी मिलते ही सीधे स्टेडियम आ गए। हालांकि अस्पताल से ही वो अपने सहयोगियों (अनिल, शैलेष श्रीवास, शरद नाइक, जीतेन्द्र नायक, जयंत वानखेड़े) को फोटो देखकर व्हाट्सएप के जरिए निर्देश देते रहे कि किस तरह मैदान को तैयार करना है, बारिश से सुरक्षित रखना है।
समंदर ने आज एक विशेष मुलाकात में 'वेबदुनिया' को बताया कि मैं कई दिनों से मौसम की भविष्यवाणी करने वाली वेबसाइट्स पर निगाह रखे हुए हूं।। इंदौर के इलाकों की वेबसाइटों का मानना है कि आने वाले दिनों में बारिश कम होती जाएगी और शहर के क्रिकेट दीवानों को पहली बार भारत और ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेट का रोमांच को देखने का मौका मिलेगा।
होलकर स्टेडियम पर आज दोपहर से शाम तक वे तीन बार पिच पर पहुंचे और पूरे मैदान का निरीक्षण किया। बेतरतीब तरीके से बिछाए गए कवर्स को दोबारा नंबरिंग से बिछाने के निर्देश दिए। खराब स्वास्थ्य के बावजूद समंदर का क्रिकेट समर्पण देखते ही बनता है।
पूरे मैदान पर बिछाए कवर्स : बारिश की बौछारों को देखते हुए पूरे मैदान को कवर्स से ढंक दिया गया है। यह काम देर शाम तक चलता रहा। पिच क्यूरेटर समंदर के अनुसार इस मैच के लिए हमने एक ही पिच तैयार की है।
सेंटर पिच पर जहां भारत-न्यूजीलैंड टेस्ट मैच हुआ था, उसी पिच पर वनडे मैच खेला जाएगा। उनका कहना था कि जिन लोगों को खुद पर भरोसा नहीं रहता, वो मैच के लिए दो या तीन पिच बनाते हैं। मैंने हमेशा हर मैच के लिए एक ही पिच तैयार की है, जिसे दोनों टीमों ने पसंद किया है।
मैदान का ताजा हाल : सोमवार शाम तक होलकर स्टेडियम के मैदान को पूरी तरह से ढंक दिया गया था। पिछले साल ही मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन ने टेस्ट मैच के लिए जो कवर्स खरीदे थे, वो अब काम में आ रहे हैं। मेन पिच पर दरी डाली गई है। मैदान में 30 यार्ड का सर्कल पूरी तरह से सूखा हुआ है जबकि आउटफील्ड वर्षा के कारण गीला है।
समंदर ने कहा कि मैदान को पूरी तरह सूखने के लिए तेज धूप की जरूरत होगी। आने वाले दिनों में हम उम्मीद कर सकते हैं कि मौसम हमारा साथ देगा। समंदर के लिए यह चौंकाने वाली खबर हो सकती है कि 22 सितंबर को तेज बारिश इंदौर में संभावित है, जबकि 24 सितंबर को मैच होना है। पिच क्यूरेटर ने कहा कि हमारे पास मैदान सुखाने के अन्य साधन भी हैं। एक मौसम ही ऐसी चीज है, जिस पर हमारा कोई बस नहीं है...
होलकर स्टेडियम में पांचवां अंतरराष्ट्रीय मैच : भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच होलकर स्टेडियम में पांचवां एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेला जाएगा। इससे पूर्व पहला मैच 2006 में भारत-इंग्लैंड के बीच, 2008 में पुन: भारत-इंग्लैंड के बीच, 2011 में भारत-वेस्टइंडीज के बीच और 2015 में भारत-दक्षिण अफ्रीका के बीच यहां एकदिवसीय मैैैच खेले जा चुके हैं।
समंदर सिंह को लंबा अनुभव : पिच क्यूरेटर समंदर सिंह को विकेट तैयार करने का 35 साल का अनुभव है। उन्होंने होलकर स्टेडियम के अलावा नेहरू स्टेडियम में दो बार (एक बार तीन दिवसीय मैच के लिए) और ग्वालियर में वनडे में दो बार विकेट तैयार किए हैं। उन्होंने कहा कि मेरी तरफ से भारत-ऑस्ट्रेलिया वनडे मैच के लिए विकेट पूरी तरह से तैयार है..मैं आसमान को देखता रहता हूं...ऊपरवाला क्या चाहता है, यह तो उसे ही पता है..
21 सितम्बर से होलकर स्टेडियम में समंदर का डेरा : समंदर सिंह निमोनिया नामक बीमारी से ठीक होकर 18 सितम्बर को अस्पताल से सीधे स्टेडियम आ गए और बहुत कमजोर भी लग रहे थे। उन्होंने कहा कि मैं 21 तारीख को अपना सामान लेकर स्टेडियम आ जाऊंगा और 24 सितम्बर को मैच के बाद ही वापस घर जाऊंगा। तब तक मेरा घर स्टेडियम ही रहेगा...
सचिन तेंदुलकर और सहवाग भी समंदर के मुरीद : मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग भी समंदर सिंह के मुरीद हैं। 2001 में इंदौर के नेहरू स्टेडियम में सचिन तेंदुलकर ने वनडे क्रिकेट के 10 हजार रन पूरे किए थे, तब उन्होंने 139 रनों की पारी खेली थी। ऐसा करने वाले वे दुनिया के पहले खिलाड़ी थे। यही नहीं, सचिन ने 24 फरवरी 2010 में ग्वालियर में वनडे इतिहास का पहला दोहरा शतक (200) जड़ा था।
इसी तरह वीरेंद्र सहवाग ने 2011 में होलकर स्टेडियम में वेस्टइंडीज के खिलाफ दोहरा शतक (219 रन) बनाकर सचिन का रिकॉर्ड तोड़ा था। इंदौर और ग्वालियर दोनों ही जगह मैच के बाद सचिन और सहवाग ने समंदर को शानदार पिच बनाने के लिए बधाई दी थी। इसकी हसीन यादें अभी तक उनके जेहन में बसी हुई हैं।