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Last Modified: बुधवार, 21 मार्च 2018 (00:21 IST)

धोनी विश्वविद्यालय का ‘टापर’, मैं अब भी पढ़ रहा : कार्तिक

धोनी विश्वविद्यालय का ‘टापर’, मैं अब भी पढ़ रहा : कार्तिक - Dinesh Karthik, Mahendra Singh Dhoni
चेन्नई। दिनेश कार्तिक भले ही बांग्लादेश के खिलाफ त्रिकोणीय टी20 फाइनल में आठ गेंदों पर नाबाद 29 रन बनाकर देशभर में चर्चा का विषय बने हुए हैं, लेकिन इस विकेटकीपर बल्लेबाज का कहना है कि जब ‘सर्वश्रेष्ठ फिनिशर’ की बात आती है तो वे अभी खुद को ‘विश्वविद्यालय का विद्यार्थी’ मानते हैं, जबकि महेंद्र सिंह धोनी ‘टॉपर’ हैं।


कार्तिक ने कहा, जब धोनी की बात आती है तो मैं अभी विश्वविद्यालय में पढ़ रहा हूं जबकि वे टॉपर हैं। वे ऐसे खिलाड़ी हैं जिनका मैं हमेशा अनुसरण करता हूं। उनके साथ तुलना अनुचित होगी। दिलचस्प बात यह है कि कार्तिक ने सितंबर 2004 में इंग्लैंड में चैंपियन्स ट्रॉफी के दौरान अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था जबकि धोनी ने इसके तीन महीने बाद दिसंबर में बांग्लादेश के खिलाफ द्विपक्षीय श्रृंखला में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था।

अगले 14 वर्षों में धोनी भारत के सबसे सफल कप्तान और सीमित ओवरों के सफल क्रिकेटर बन गए जबकि कार्तिक जूझते रहे और मौके का इंतजार करते रहे। कार्तिक ने कहा, उनका (धोनी) करियर पूरी तरह से अलग था और मेरा करियर पूरी तरह से अलग है। वे बेहतरीन खिलाड़ी हैं। वे काफी शर्मीला थे। आज वे ऐसे व्यक्ति हैं जो युवाओं की मदद के लिए खुलकर बोलते हैं।

कार्तिक ने कहा, मेरा मानना है कि इस तरह की तुलना पूरी तरह से अनुचित है। जैसे मैंने कहा कि वे संभवत: विश्वविद्यालय के टॉपर हैं जबकि मैं अभी पढ़ रहा हूं। मैं जिस स्थिति में हूं उससे खुश हूं। पिछले डेढ़ दशक से खेल रहे कार्तिक को आखिर में वह चर्चा मिली जिसके वे वास्तव में हकदार थे। इसे वे अपने अच्छे कर्म और ईश्वर की कृपा मानते हैं।

कार्तिक ने कहा, सभी मेरे बारे में बात कर रहे हैं और इससे अच्छा लग रहा है। मैंने वर्षों में जो अच्छे काम किए उससे मुझे वह छक्का जड़ने में मदद मिली। वह शाट छक्के के लिए चला गया। संभवत: दो मिमी अतिरिक्त से वह छक्का बन गया।

उन्होंने कहा, मेरे लिए उसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है। मैं यह खेल खेलकर खुश हूं। जब आप घरेलू क्रिकेट खेलते हो तो यह कठिन दौर होता है। अचानक इस तरह से चर्चा में आने से अच्छा लग रहा है लेकिन आप यह भी जानते हो कि आप चाहते हो कि कुछ विशेष की शुरुआत हो।

कार्तिक ने इसके साथ ही कहा कि मुंबई के क्रिकेटर अभिषेक नायर के साथ समय बिताने से उन्हें इस खेल के मानसिक पहलू में मजबूती हासिल करने में मदद मिली। उन्होंने कहा, वह (अभिषेक नायर) मेरे करियर के पिछले ढाई साल में बेहद महत्वपूर्ण कारक रहे। उन्‍होंने मुझे मैचों के लिए तैयार होने में मदद की। उन्‍होंने मुझे रणनीति के अनुसार तैयारी करने में मदद की। वे यह भी जानते हैं कि कड़ी मेहनत करने का सही तरीका क्या है। वे नदी हैं और मैं नाव।

कार्तिक ने विजय शंकर का भी बचाव किया जो मुस्तफिजुर रहमान की धीमी गेंदों को समझने में नाकाम रहे। उन्होंने कहा, विजय शंकर के पास कौशल है। उन्‍होंने गेंदबाज के रूप में वास्तव में अच्छा प्रदर्शन किया। जो बल्लेबाजी ऑलराउंडर हो उसने दबाव में अच्छा खेल दिखाया। मुझे उनका भविष्य वास्तव में उज्ज्वल लगता है। उनका रवैया अच्छा है। वे विशेष प्रतिभा के धनी हैं और वे लंबे समय तक खेल सकते हैं।

रोहित शर्मा के उनसे पहले विजय शंकर को भेजने के फैसले से कार्तिक खफा थे, लेकिन उन्होंने मुंबई के इस बल्लेबाज की कप्तानी शैली की तारीफ की। कार्तिक ने कहा, उनका (रोहित) सबसे मजबूत पक्ष यह है कि उन्‍होंने कप्तान के रूप में तीन आईपीएल जीते हैं और उन्‍हें टीम की अगुवाई करने की अपनी क्षमता पर विश्वास है। वे काफी होमवर्क करते हैं। वे रणनीतिक तौर पर मजबूत हैं। वे कुशल कप्तान हैं। (भाषा) 
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