विश्व कप में टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज भुवनेश्वर कुमार के लिए बड़ा खतरा...
रांची। टीम इंडिया के स्टार तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार के लिए 30 मई से इंग्लैंड में शुरू हो रहे आईसीसी विश्व कप में अभी से बड़ा खतरा मंडरा रहा है। भुवनेश्वर कुमार को पिछले विश्व कप की तरह इस बार इंग्लैंड में भी अधिकतर समय बाहर बैठकर बिताना पड़ सकता है। इस बड़े अंदेशे के बाद भी भूवनेश्वर को इसकी परवाह नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मैं इससे चिंतित नहीं हूं कि किसे मैदान में उतरने का मौका मिलता है और किसे नहीं।
ऑस्ट्रेलिया में 4 साल पहले भुवनेश्वर पर मोहित शर्मा को प्राथमिकता दी गई जो तब अच्छे फॉर्म में चल रहे थे जबकि इस बार जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी का नई गेंद संभालना तय है। ऐसे में विराट कोहली भारतीय टीम तीसरे तेज गेंदबाज के रूप में किसी सीम गेंदबाज को रख सकते हैं।
भुवनेश्वर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे एकदिवसीय मैच की पूर्व संध्या पर कहा, ‘मैं इसको लेकर चिंतित नहीं हूं कि किस को मौका मिलेगा और किसे नहीं। विश्राम मिलना बेहद महत्वपूर्ण है। शमी को न्यूजीलैंड में विश्राम दिया गया और मुझे इस श्रृंखला में। आप निरंतर अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हो और इसके लिए आप फिट होना चाहते हो। यही वजह है कि मैंने विश्राम लिया।’
भुवनेश्वर अगले तीन वनडे मैच को अभ्यास के रूप में देख रहे हैं क्योंकि वह आईपीएल को तैयारी के लिए उचित मंच नहीं मानते। उन्होंने कहा, जरूरी नहीं है कि आईपीएल (मैच अभ्यास के लिए उपयुक्त) हो लेकिन ये तीन मैच निश्चित तौर पर हैं क्योंकि हम किसी भी मैच को हल्के से नहीं ले सकते हैं। विश्व कप से पहले निश्चित तौर पर ये मैच हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण हैं।
भुवनेश्वर के लिए आईपीएल अपने कौशल में निखार लाने का अच्छा मंच है। उन्होंने कहा, आईपीएल में हम अपने कौशल को निखार सकते हैं और फॉर्म में रह सकते हैं लेकिन वनडे और टी20 पूरी तरह से भिन्न हैं, इसलिए हम इन तीनों मैचों को विश्व कप से पहले आखिरी मैच मानकर चल रहे हैं। बुमराह-शमी का संयोजन ही नहीं बुमराह-भुवनेश्वर की जोड़ी भी सफल रही है और उन्होंने कहा कि एक दूसरे की भूमिका समझने के कारण उन्हें सफलता मिलती है।
भुवनेश्वर ने कहा, अगर बुमराह विकेट ले रहें हो तो मैं दूसरे छोर से रनों पर अंकुश लगा सकता हूं ताकि बल्लेबाजों पर दबाव बना रहे। हम इन चीजों पर लगातार काम कर रहे हैं। केवल हम दोनों ही नहीं बल्कि गेंदबाजी इकाई के तौर पर हम यह दिमाग में रखते हैं कि अगर कोई विकेट ले रहा है तो अन्य गेंदबाजों की भूमिका रन गति पर अंकुश लगाए रखना है। यह उल्टा भी हो सकता है। मैं विकेट ले सकता हूं और वह रन रोक सकते हैं।