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वीरेंद्र सहवाग के साथ ये नाइंसाफी क्यों?

वीरेंद्र सहवाग के साथ ये नाइंसाफी क्यों? - BCCI,  Sehwag, Shastri
सीमान्त सुवीर 
 
बीसीसीआई ने भले ही टीम इंडिया के चीफ कोच की कुर्सी पर रवि शास्त्री को बैठा दिया है, लेकिन इसके बाद भी कई ऐसे सवाल अधूरे रह गए हैं जिनका जवाब भारतीय क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था के पास भी नहीं है। क्रिकेट में दखल रखने वालों का पहला सवाल यही है कि आखिर भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग के साथ नाइंसाफी क्यों??
 
आपको याद होगा कि जब बीसीसीआई ने अनिल कुंबले के रिक्त हो रहे कोच पद के लिए आवेदन मंगवाए थे, तब वीरू ने आवेदन नहीं किया था। ऐन वक्त पर उनसे आवेदन डलवाया गया और वे शास्त्री के साथ कोच पद की रेस में सबसे आगे थे। बीसीसीआई ने दूसरी बार आवेदन की तारीख बढ़वाई और 10 में से 5 लोगों को शॉर्ट लिस्ट किया।
चीफ कोच के लिए जब वीरेंद्र सहवाग का इंटरव्यू हुआ, तब उन्होंने साफ कह दिया था कि वे अपना सपोर्ट स्टाफ साथ लाएंगे लेकिन तब बीसीसीआई ने 'वीरू' को दो टूक जवाब दिया था कि वे ऐसा नहीं कर सकते। उन्हें इसकी आजादी नहीं है कि वे अपने मन के अनुरूप सपोर्ट कोचिंग स्टाफ (गेंदबाजी कोच, सहायक कोच) रख सकेंगे।
 
इसी बीच कोच को नियुक्त करने वाली समिति के सामने जहीर खान को गेंदबाजी कोच और राहुल द्रविड़ को सहायक कोच नियुक्त किए जाने का नाम उछला। तय माना जा रहा था कि यही दो अनुभवी क्रिकेटर शास्त्री की टीम में होंगे, लेकिन अचानक शास्त्री ने कहा कि वे अपना सपोर्ट स्टाफ रखेंगे। ये शर्त थी या दादागिरी, इसे आप कुछ भी नाम दे सकते हैं...
भरत अरुण
बीसीसीआई ने शास्त्री की बात मान ली और मंगलवार के दिन भरत अरुण को भारतीय टीम का गेंदबाजी कोच नियुक्त कर दिया गया। अरुण के साथ संजय बांगड़ को सहायक कोच बनाने का फैसला हुआ। इस फैसले पर बीसीसीआई की चार सदस्यीय समिति ने भी अपनी मुहर लगा दी। यही नहीं, इस स्टाफ में फील्डिंग कोच आर. श्रीधर को भी शामिल किया गया। ये तमाम लोग 2019 तक टीम इंडिया के साथ रहेंगे...वो भी खम ठोंककर।
 
इसका ये मतलब निकला कि बीसीसीआई में वही होगा जो विराट कोहली और रवि शास्त्री चाहेंगे... बड़ी मजेदार बात है, बीसीसीआई वीरेंद्र सहवाग को सपोर्ट स्टाफ के लिए इंकार करता है और रवि शास्त्री के 'कुनबे' को हां कहता है...सुप्रीम कोर्ट के डंडे के बाद भी टीम इंडिया में जो मनमानी हो रही है, उसे कोई रोकने वाला नहीं है।  

सहायक कोच संजय बांगड़
जहीर खान के नाम कुल 610 विकेट ( 92 टेस्ट मैच में 311 विकेट, 200 वन-डे में 282 विकेट, 17 ट्वेंटी-20 में 17 विकेट) हैं, उन्हें गेंदबाजी कोच की कुर्सी नहीं मिलती है और रवि शास्त्री भरत अरुण को इस कुर्सी पर बैठाते हैं, जिन्होंने 2 टेस्ट में 4 और 4 वन-डे में एक विकेट लिया है। क्या भारतीय क्रिकेट के बुरे दिन की शुरुआत होने जा रही है? 
 
ऐसा लगता है जहीर खान और राहुल द्रविड़ जैसे अनुशासन प्रिय क्रिकेटरों के साथ रवि शास्त्री की पटरी नहीं बैठने वाली थी और यही कारण है कि शास्त्री ने उन लोगों को अपने साथ जोड़ा जो उनकी हां में हां मिला सकें। भारतीय टीम बुधवार को श्रीलंका दौरे पर रवाना हो रही है, जहां वह 3 टेस्ट, 5 वन-डे और 2 टी-20 मैच खेलेगी। पहला टेस्ट मैच 26 जुलाई से शुरू हो रहा है। इस दौरे में विराट की सेना के साथ ही शास्त्री के कुनबे की परीक्षा होगी... 
 
किसे कितने रुपए मिलेंगे : अब यह भी जान लीजिए कि भारतीय क्रिकेट की नई कोचिंग टीम को कितने रुपए मिलने जा रहे हैं। चीफ कोच रवि शास्त्री को हर साल 7 करोड़ 50 लाख, सहायक कोच संजय बांगड़ को 2 करोड़, गेंदबाजी कोच भरत अरुण को 2 करोड़, फील्डिंग कोच आर. श्रीधर को 2 करोड़ मिलेंगे। यह अनुबंध 2 साल का होगा यानी 2019 के विश्व कप तक... 
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