बांग्लादेश के खिलाड़ियों ने हड़ताल वापस ली, भारत दौरे से संदेह के बादल हटे
ढाका। स्टार ऑलराउंडर शाकिब अल हसन की अगुआई में बांग्लादेश के क्रिकेटरों ने वेतन और अन्य सुविधाओं को लेकर जारी हड़ताल वापस ले ली। बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) से सभी मांगें पूरी होने का आश्वासन मिलने के बाद खिलाड़ियों ने यह कदम उठाया जिससे उनके भारत दौरे पर मंडरा रहे संदेह के बादल भी छंट गए।
बुधवार को लगभग मध्यरात्रि तक चली 2 घंटे की बैठक के बाद खिलाड़ियों और बीसीबी के बीच गतिरोध खत्म हुआ। इस समझौते का मतलब है कि 3 नवंबर से शुरू हो रहा बांग्लादेश टीम का भारत का टी-20 और टेस्ट दौरा पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होगा और खिलाड़ी शुक्रवार को तैयारी शिविर से जुड़ेंगे।
शाकिब के हवाले से 'ईएसपीएनक्रिकइंफो' ने कहा कि जैसा कि पेपोन भाई (बीसीबी के प्रमुख नजमुल हसन) ने कहा कि बातचीत फायदेमंद रही। उन्होंने और बाकी निदेशकों ने हमें आश्वासन दिया है कि जितना जल्दी संभव होगा, हमारी मांगें पूरी की जाएंगी। उनके आश्वासन पर हम एनसीएल में खेलना शुरू कर रहे हैं और ट्रेनिंग शिविर में हिस्सा लेंगे।
बैठक में शाकिब के अलावा मुशफिकुर रहीम, महमूदुल्लाह और तमीम इकबाल जैसे सीनियर खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। खिलाड़ियों ने सोमवार की 11 मांगों में 2 मांग और जोड़ते हुए कहा कि उन्हें बीसीबी के राजस्व में प्रतिशत हिस्सा और महिला क्रिकेटरों के लिए समान वेतन भी चाहिए।
बीसीबी अध्यक्ष हसन ने 2 नवीनतम मांगों पर कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई लेकिन कहा कि शुरुआती 11 मांगों को पूरा किया जाएगा। खिलाड़ियों ने खिलाड़ी संस्था में चुनाव कराने की भी मांग की जिस पर बीसीबी सहमत हो गया।
शाकिब ने कहा कि हमने उन्हें कहा कि सीडब्ल्यूएबी चुनाव (खिलाड़ियों की संस्था) होना चाहिए। हम मौजूदा खिलाड़ियों में से एक प्रतिनिधि चाहते हैं जिससे कि नियमित तौर पर हमारी समस्याओं पर बोर्ड से चर्चा हो सके। यह खिलाड़ियों के लिए सर्वश्रेष्ठ है।
उन्होंने कहा कि वे राजी हो गए और चुनाव तब होंगे, जब हम सभी उपलब्ध होंगे। मैं आपसे कह सकता हूं कि जब मांग पूरी होंगी तो हमें खुशी होगी लेकिन बातचीत संतोषजनक रही। खिलाड़ियों की हड़ताल के समय को षड्यंत्र बताकर उन्हें फटकार लगा चुके हसन ने बुधवार को कहा कि बोर्ड क्रिकेटरों की अधिकांश मांगों को मानने के लिए सहमत हो गया है।
उन्होंने कहा कि उनकी 11 मांगों में से पहली (सीडब्ल्यूएबी चुनाव) का बीसीबी से कोई लेना-देना नहीं है और अंतिम मांग (फ्रेंचाइजी टूर्नामेंट में खेलने के लिए प्रतिवर्ष 2 से ज्यादा अनापत्ति प्रमाण पत्र) पर प्रत्येक मामले के हिसाब से गौर किया जाएगा।
बीसीबी प्रमुख ने कहा कि बाकी मांगों पर हम सहमत हो गए हैं जिसमें डीपीएल स्थानांतरण और बीपीएल फ्रेंचाइजी मॉडल भी शामिल है। साथ ही हम घरेलू प्रतियोगिताओं में उनके भत्तों में इजाफा करेंगे और यह अगले 2 या 3 दिन में किया जाएगा, 6 महीने या 1 साल में नहीं। सोमवार को शुरू हुई इस अभूतपूर्व हड़ताल में प्रथम श्रेणी क्रिकेटर भी शामिल थे।
मंगलवार रात बीसीबी खिलाड़ियों कि एक अहम मांग पर सहमत हो गया था कि ढाका प्रीमियर लीग में क्लब स्थानांतरण प्रणाली की वापसी होगी। ढाका लीग समिति की बैठक के बाद यह फैसला किया गया। खिलाड़ियों की अन्य मुख्य मांग बांग्लादेश प्रीमियर लीग के फ्रेंचाइजी मॉडल पर वापस लौटने, केंद्रीय अनुबंध के वेतन में इजाफे और इसमें अधिक खिलाड़ियों को शामिल करने, प्रथम श्रेणी में अधिक मैच फीस और खिलाड़ी संघ में हितों का टकराव नहीं होने से जुड़ी थी।