मुंबई। विराट कोहली की अगुवाई वाली भारतीय क्रिकेट टीम श्रीलंका के खिलाफ सफल प्रदर्शन के बाद अब घरेलू मैदान पर मंगलवार से वानखेड़े स्टेडियम में शुरू हो रही वनडे सीरीज में ऑस्ट्रेलिया की कड़ी चुनौती का सामना करने के लिए उतरेगी जहां मेहमान टीम के मजबूत बल्लेबाजी क्रम और मेजबान टीम के धाकड़ गेंदबाजों के बीच आमना सामना होगा।
ऑस्ट्रेलियाई टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में कमाल के प्रदर्शन और 3-0 के 'क्लीन स्वीप' के बाद भारत दौरे पर पहुंची हैं, जिसमें उसके स्टार बल्लेबाज स्टीवन स्मिथ, डेविड वॉर्नर जैसे धाकड़ बल्लेबाजों के बाद उसकी नयी सनसनी मार्नस लाबुशेन पर सभी की निगाहें लगी हैं।
लाबुशेन ने टेस्ट के एक घरेलू सत्र में सर्वाधिक रनों के ऑस्ट्रेलियाई ऑस्ट्रेलिया में सर्वकालिक महान खिलाड़ियों की सूची में अपना नाम दर्ज कराया था, लेकिन अब सभी देखना चाहते हैं कि वह एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कैसा प्रदर्शन करते हैं। इन पिचों पर बल्लेबाज लाबुशेन के लिए भारतीय गेंदबाजों का सामना एक बड़ी चुनौती तो होगा ही, साथ ही यदि वह यहां सफल होते हैं तो ऑस्ट्रेलियाई टीम में उनकी बादशाहत भी कायम हो जाएगी।
वॉर्नर और स्मिथ दोनों को ही भारतीय पिचों पर खेलने का काफी अनुभव है, जो आगामी सीरीज में अहम होगा। स्मिथ टीम में बल्लेबाजी क्रम में तीसरे क्रम पर बल्लेबाजी के लिए उतरेंगे जबकि भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली भी इसी क्रम पर खेलते हैं और निरंतर रहे हैं। ओपनिंग क्रम में मेजबान टीम के पास लोकेश राहुल, शिखर धवन और वापसी कर रहे रोहित शर्मा के बीच चयन सिररर्द हो सकता है, तीनों ही बल्लेबाज फिलहाल बढ़िया फार्म में हैं।
भारत ने अपने मैदान पर आखिरी वनडे सीरीज वेस्टइंडीज से 2-1 से जीती थी। इस सीरीज में टीम की फील्डिंग उसके लिए चिंता का विषय रही थी और अब ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम के खिलाफ उसे इन गलतियों में व्यापक सुधार के साथ उतरना होगा। भारत इस सीरीज में अपनी मजबूत टीम के साथ उतर रही है और विराट, धवन, राहुल और रोहित के रूप में उसके पास मजबूत बल्लेबाजी क्रम है।
भारतीय कप्तान विराट और ऑस्ट्रेलिया के स्टार बल्लेबाज तथा पूर्व कप्तान स्मिथ के बीच हमेशा से मैदान पर प्रतिस्पर्धा देखी गई है, जो इस सीरीज में भी दर्शकों के लिए बहुत रोमांचकारी मानी जा रही है, वहीं वॉर्नर भी ओपनिंग क्रम में कमाल की फार्म में खेल रहे हैं जबकि श्रीलंका से टी-20 सीरीज में आराम के बाद रोहित की वापसी से टीम इंडिया को मजबूती मिली है। मध्यक्रम में विकेटकीपर ऋषभ पंत के लिए भी यह खुद को साबित करने के लिहाज से अहम सीरीज होगी।
गेंदबाजों की बात करें तो भारतीय पिचों पर हमेशा से स्पिनरों की भूमिका अहम रही है और ऐसे में चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल के रूप में टीम के पास दो विशेषज्ञ स्पिनर मौजूद है तथा ऑलराउंडर लेफ्ट आर्म स्पिनर रवींद्र जडेजा भी उपयोगी साबित हो सकते हैं जो निचले क्रम पर बढ़िया बल्लेबाज भी हैं।
खुद ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज पैट कमिंस ने भी भारत आने से पहले ही कहा था कि भारतीय पिचें ऑस्ट्रेलिया से बिल्कुल अलग हैं और यह हरी नहीं होती, जहां पेस निकालना मुश्किल है, ऐसे में यहां स्पिनरों को काफी मदद मिलेगी। हालांकि मेजबान टीम के पास जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और नवदीप सैनी के रूप में बढ़िया तेज गेंदबाजी क्रम मौजूद है जो ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों के लिए सबसे बड़ी चुनौती माने जा रहे हैं।
हालांकि भारतीय बल्लेबाजों को भी पैट कमिंस, मिशेल स्टार्क, केन रिचर्डसन और एश्टन एगर जैसे गेंदबाजों से बचना होगा, जो विपक्षी टीम के धाकड़ गेंदबाज हैं, लेकिन बल्लेबाज रोहित का अपने घरेलू वानखेड़े मैदान पर प्रदर्शन कमाल का रहा है और वह सीमित ओवर में भारतीय टीम के सबसे मजबूत बल्लेबाज हैं जो अकेले ही मैच का रूख बदल सकते हैं।