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Written By WD Feature Desk
Last Updated : शुक्रवार, 18 अक्टूबर 2024 (17:18 IST)

करवा चौथ पर चांद को अर्घ्य देने का क्या है सही तरीका और पूजा विधि

करवा चौथ पर चांद को अर्घ्य देने का क्या है सही तरीका और पूजा विधि - karwa chauth 2024
First Karwa Chauth

karwa chauth 2024

 

 
karwa chauth 2024: करवा चौथ एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो विशेषकर married women द्वारा अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं उपवासी रहकर चंद्रमा की पूजा करती हैं। इस लेख में हम चांद को अर्घ्य देने के सही तरीके और पूजा विधि पर चर्चा करेंगे।

करवा चौथ की पूजा विधि
1. व्रत की तैयारी
करवा चौथ के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और सफेद या लाल रंग के कपड़े पहनें। पूजन सामग्री में शामिल करें:

  • करवा (मिट्टी का बर्तन)
  • सुहाग की सामग्री (सिंदूर, बिंदिया, चूड़ियां)
  • मिठाई और फल
  • दीपक और अगरबत्ती
2. उपवासी
इस दिन महिलाएं दिनभर उपवासी रहती हैं और केवल पानी पीती हैं। शाम को चंद्रमा के निकलने के बाद अर्घ्य देने से पहले पूजा की जाती है।

चांद को अर्घ्य देने का सही तरीका
1. चंद्रमा का दर्शन
रात को चंद्रमा निकलने पर सबसे पहले चंद्रमा को देखें। फिर अपने पति का चेहरा भी चंद्रमा की ओर करें। इससे आपके पति की उम्र बढ़ती है और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।

2. अर्घ्य का समर्पण
चांद को अर्घ्य देने के लिए एक थाली में पानी भरें और उसमें कुछ गेहूं के दाने डालें। इस थाली को दोनों हाथों से पकड़े और चंद्रमा की ओर दिखाते हुए प्रार्थना करें:
“हे चंद्रमा, कृपया मेरे पति को लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद दें।”

3. पूजा सामग्री का समर्पण
चांद को अर्घ्य देने के बाद, उस थाली में मौजूद अन्य पूजा सामग्री को भी चंद्रमा की ओर दिखाएं। फिर, अपने पति की लंबी उम्र की कामना करें।

4. प्रसाद का वितरण
अर्घ्य देने के बाद, जो सामग्री आपने तैयार की थी, उसे अपने पति को अर्पित करें। मिठाई और फल का प्रसाद बांटें। यह आपके प्यार और समर्पण का प्रतीक होगा।

करवा चौथ का पर्व न केवल पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत बनाता है, बल्कि यह एक दूसरे के प्रति प्रेम और समर्पण को भी दर्शाता है। चांद को अर्घ्य देने का सही तरीका और पूजा विधि का पालन करके आप इस पर्व को सफलतापूर्वक मना सकते हैं। इस दिन की विशेषता यही है कि यह न केवल आध्यात्मिक बल्कि भावनात्मक जुड़ाव को भी बढ़ाता है।