कोलकाता: दो बार का चैंपियन कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) नौ साल बाद दोबारा इंडियन प्रीमियर लीग खिताब जीतने के इरादे से उतरेगा तो उसे कोच चंद्रकांत पंडित की रणनीतिक दक्षता से काफी उम्मीदें होंगी लेकिन टीम को चोटों की समस्या और बल्लेबाजी क्रम में स्तरीय खिलाड़ियों की कमी से पार पाना होगा।
पिछले साल दिसंबर में आईपीएल की नीलामी में केकेआर ने आठ खिलाड़ियों को खरीदा था जिसमें बांग्लादेश के ऑलराउंडर शाकिब अल हसन डेढ़ करोड़ रुपये के साथ सबसे महंगे खिलाड़ी थे।केकेआर ने साथ ही नामीबिया के ऑलराउंडर डेविड वाइसी को एक करोड़ रुपये जबकि तमिलनाडु के फॉर्म में चल रहे विकेटकीपर बल्लेबाज एन जगदीशन को 90 लाख रुपये में खरीदा था। बांग्लादेश के स्टार बल्लेबाज लिटन दास भी केकेआर का हिस्सा हैं।
केकेआर ने इसके अलावा वैभव अरोड़ा (60 लाख रुपये), सुयश शर्मा (20 लाख रुपये), कुलवंत खेजरोलिया (20 लाख रुपये) और मनदीप सिंह (50 लाख रुपये) को भी अपने साथ जोड़ा था।एक अप्रैल को मोहाली में पंजाब किंग्स के खिलाफ केकेआर के पहले मैच से पूर्व टीम का विश्लेषण इस प्रकार है।
मजबूती:केकेआर का सबसे मजबूत पक्ष टीम में स्तरीय ऑलराउंडरों की मौजूदगी है। वर्षों से कोलकाता की टीम ने अपने ऑलराउंडर विभाग को मजबूत करने पर ध्यान दिया है और इस बार भी ऐसा ही है।आंद्रे रसेल और सुनील नारायण की वेस्टइंडीज की जोड़ी ने अतीत में अपनी छाप छोड़ी है लेकिन कई बार इनमें प्रदर्शन में निरंतरता की कमी नजर आती है। शाकिब, डेविड और वेंकटेश अय्यर के रूप में टीम के पास अन्य स्तरीय ऑलराउंडर हैं।
लेकिन सभी की नजरें पंडित पर टिकी होंगी जिन्होंने केकेआर के कोच के रूप में ब्रेंडन मैकुलम की जगह ली है। पंडित पहली बार किसी आईपीएल टीम को कोचिंग दे रहे हैं। वह हालांकि इससे पहले तीन अलग राज्य संघों के साथ छह बार रणजी ट्रॉफी चैंपियन टीम का हिस्सा रह चुके हैं। उनके मार्गदर्शन में मुंबई, विदर्भ और मध्य प्रदेश ने रणजी खिताब जीते।शुक्रवार से शुरू हो रहा आईपीएल पंडित की कोचिंग दक्षता की परीक्षा होगी और वह टीम को 2014 के बाद पहला खिताब दिलाने का प्रयास करेंगे।
कमजोरी:श्रेयस अय्यर की गैरमौजूदगी से केकेआर का शीर्ष क्रम कमजोर होगा जो टीम के लिए चिंता का विषय है। अय्यर के पीठ की चोट के कारण इस साल पूरे आईपीएल से बाहर रहने की संभावना है।पिछले साल केकेआर अपनी सलामी जोड़ी से सफलता हासिल नहीं कर पाया था जो उसके जूझने का मुख्य कारण था।अब यह देखना होगा कि इस साल पंडित इस विभाग में कैसे सुधार करते हैं।केकेआर लिटन और नारायण की दाएं और बाएं हाथ की जोड़ी के साथ पारी का आगाज करा सकता है जबकि कप्तान नितीश राणा, जगदीशन, शाकिब और रसेल मध्य क्रम में भूमिका निभाएंगे।शीर्ष क्रम में वेंकटेश भी पंडित के लिए विकल्प हो सकते हैं लेकिन नया कोच टीम में अधिक बदलाव से बचना चाहेगा।
मौके:केकेआर की टीम पिछले कुछ आईपीएल में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाई है और पिछले साल तो वह 10 टीम में सातवें स्थान पर रही थी। आगामी सत्र में टीम के पास अपने आलोचकों को गलत साबित करने का मौका होगा।टीम के पास नया कोच है जो जानता है कि सकारात्मक नतीजे कैसे हासिल किए जाते हैं। सुझावों की कोई कमी नहीं होगी लेकिन खिलाड़ियों को इसे मैदान पर अमलीजामा पहनाना होगा।
शीर्ष क्रम की बल्लेबाजी अगर टीम के लिए चिंता का विषय है तो केकेआर के पास मजबूत गेंदबाजी इकाई है। उमेश यादव तेज गेंदबाजी आक्रमण की अगुआई करेंगे जबकि शारदुल ठाकुर और टिम साउथी उनका साथ देंगे। शाकिब, नारायण और वरूण चक्रवर्ती स्पिन विभाग में जिम्मेदारी संभालेंगे।
खतरा:केकेआर के लिए सबसे बड़ा खतरा व्यक्तिगत प्रदर्शन पर निर्भरता है और कोच पंडित को इस विभाग पर ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि आईपीएल जैसे प्रतिस्पर्धी टूर्नामेंट को जीतने के लिए किसी भी टीम को टीम प्रयास की जरूरत होगी।इस तरह के मौके आए हैं जब एक या दो खिलाड़ियों ने टीमों को मैच जिताए हों लेकिन क्रिकेट टीम खेल है और दीर्घकाल में सफलता की कुंजी सामूहिक प्रयास ही है।
कोलकाता नाइट राइडर्स:नितीश राणा (कप्तान), वैभव अरोड़ा, लॉकी फर्ग्यूसन, हर्षित राणा, वेंकटेश अय्यर, एन जगदीसन, कुलवंत खेजरोलिया, लिटन दास, मनदीप सिंह, सुनील नारायण, रहमानुल्लाह गुरबाज, अनुकूल रॉय, आंद्रे रसेल, शाकिब अल हसन, रिंकू सिंह, टिम साउथी, सुयश शर्मा, शार्दुल ठाकुर, वरुण चक्रवर्ती, डेविड वाइसी, उमेश यादव।