
दुबई में शुक्रवार को दिल्ली की युवा टीम का सामना दिग्गज खिलाड़ियों से लबरेज चेन्नई की टीम से था, जिसमें कई सूरमा खिलाड़ी हैं। हालांकि दिल्ली में सबसे उम्रदराज 37 साल के अमित मिश्रा भी थे लेकिन उन्होंने अभी तक अपनी उम्र को खेल पर हावी नहीं होने दिया है और 4 ओवर में भले ही उन्हें विकेट नहीं मिला लेकिन मात्र 23 रन खर्च करना इस बात का सबूत है कि उनकी स्पिन में अभी भी दम है।
दिल्ली की टीम में पृथ्वी शॉ, श्रेयस अय्यर, ऋषभ पंत, अक्षर पटेल, कागिसो रबाडा लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। रबाडा की गेंदबाजी पूरे शबाब पर है। यह लगातार आठवां मैच था, जिसमें उन्होंने कम से कम 2 या उससे ज्यादा विकेट लिए। दिल्ली ने टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी की चुनौती स्वीकार की और शानदार प्रदर्शन करते हुए 3 विकेट पर 175 रनों का सम्मानजनक स्कोर खड़ा किया।

पृथ्वी शॉ की तारीफ करनी होगी कि उन्होंने 43 गेंदों पर जो 64 रनों की पारी खेली, उसमें 9 चौके और 1 छक्का शामिल था। यानी उन्होंने अंतरिक्ष में शॉट खेलने के बजाए ग्राउंड स्ट्रोक्स पर अपना ध्यान केंद्रित किया। आईपीएल में लगातार छक्कों की बरसात हो रही हो, वहां पृथ्वी ने अपने आप पर संयम रखा और स्कोर को लगातार चलायमान रखा।
पहले मैच में फ्लॉप रहे शिखर धवन (35 रन) ने अपने दूसरे मैच में पृथ्वी का उत्साह बढ़ाया। दोनों ने 10.4 ओवर में 94 रनों की भागीदारी करके आने वाले बल्लेबाजों को खुलकर खेलने के लिए अच्छी जमीन तैयार की। ऋषभ पंत (नाबाद 37) और श्रेयस अय्यर (26) स्कोर को 3 विकेट पर 175 तक ले गए।
जिस टीम में शेन वॉटसन, फाफ डू प्लेसिस और महेंद्र सिंह धोनी जैसे धाकड़ बल्लेबाज हो, उसके लिए 176 रन का टारगेट हासिल मुश्किल नहीं था लेकिन दिल्ली के गेंदबाजों ने इन सूरमा बल्लेबाजों पर जो नकेल कसी वह देखते ही बनती थी। धोनी ने जो गलती राजस्थान के खिलाफ की थी, उसी को उन्होंने दिल्ली के खिलाफ दोहराया।

सलामी जोड़ी सस्ते में लौटने (शेन वॉटसन 14, मुरली विजय 10) के बाद फाफ डू प्लेसिस (43 रन) का साथ देने के लिए खुद धोनी को मैदान संभालना था लेकिन उन्होंने ऋतुराज गायकवाड़ (5) को भेज दिया। इसके बाद आए केदार जाधव (26)। केदार जब आउट हुए तब 15.4 ओवर में चेन्नई के स्कोर बोर्ड पर 94 रन ही टंगे थे। इसके बाद धोनी ने मैदान संभाला, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी।
20 ओवर में चेन्नई की टीम 7 विकेट पर 131 रन ही जोड़ सकी। तीन बार की आईपीएल चैम्पियन चेन्नई को टीम संयोजन पर दोबारा से विचार करना होगा। रवींद्र जडेजा जैसे ऑलराउंडर का फ्लॉप होना भी हैरत में डालने वाला है। उन्होंने 4 ओवर में 44 रन लुटाए और बल्ले से 12 रन का योगदान दे सके। अब समय आ गया है, जब धोनी को आक्रमक होकर कठोर फैसले लेने होगे, तभी चेन्नई का सफर आगे बढ़ेगा...