न्यू यॉर्क। हाल ही में अमेरिका के बफेलो विश्वविद्यालय के एक शोध में साबित किया गया है कि हिम मानव येति का अस्तित्व एक कल्पना है वास्तव में उनका कोई वजूद नहीं है। विदित हो कि हिममानव (येति) के अस्तित्व को लेकर दशकों से बहस हो रही है। अब एक बार फिर वैज्ञानिकों ने इस रहस्य को सुलझाने का दावा किया है।
बफेलो विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने अपनी रिसर्च में कहा है कि हिमालय से मिले दांतों, बाल, हड्डियों के नमूने हिममानव के नहीं हैं। एक जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार शोधकर्ताओं ने कुल 8 नमूनों पर शोध किए जिनमें से एक कुत्ते का है और बाकी नमूने एशियाई काले भालू के हैं। शोधकर्ताओं की टीम ने तिब्बती पठार पर मिले नमूनों पर शोध किया था।
इन नमूनों में हाथ की खाल, हड्डी आदि शामिल थे। खाल के नमूनों का मिलान काले एशियाई भालुओं से हुआ है तो पता चला है कि हड्डी भूरे तिब्बती भालुओं की है। वैसे ऐसा पहली बार नहीं है जब येति के डीएनए पर शोध किया गया हो। पहले भी ऐसे कई शोध हो चुके हैं। इसके बावजूद कई प्रश्नों के उत्तर नहीं मिल सके थे।
इस शोध में हिमालय पर पाए जाने वाले 23 भूरे एशियाई भालुओं के नमूनों का अध्ययन किया गया। इसमें उन्होंने उन नमूनों को भी शामिल किया जिनके येति के बाल कहे जाने का दावा किया जा रहा था। हालांकि कुछ मुद्दों को लेकर अभी भी मतभेद है, जैसे शोधकर्ताओं की एक टीम का मानना है बालों का गुच्छा 40 हजार साल पुरानी प्रजाति वाले पोलर बियर (ध्रुवीय भालू) का है जबकि एक दूसरी टीम का कहना है कि ये बाल भूरे रंग वाले भालू के हैं, जो आमतौर पर हिमालय में मिलते हैं।
उन्होंने कहा ग्लेशियरों और पहाड़ों की वजह से ये भालू अन्य लोगों से अलग हो गए होंगे। इसके बावजूद ध्रुवीय भालू के बारे में दावा करने वाली टीम का कहना है कि उनका मतलब यह नहीं है कि वे हिमालय में मौजूद हैं लेकिन इसकी संभावना है कि उच्च हिमालयी क्षेत्रों में उनकी उप-प्रजातियां हो सकती हैं। यह भालू पृथ्वी पर 40,000 से 1,20,000 के बीच संख्या में पाया जाता था।
वहीं यह भी कहा जा रहा है कि येति भूरे भालुओं की ही एक उप-प्रजाति के सदस्य हो सकते हैं। येति को बिग फुट, हिममानव, महामानव, वनमानुष के नाम से भी जाना जाता है। ये सालों से एक रहस्य बना हुआ है। कई टीवी चैनल्स से लेकर वैज्ञानिक तक उन पर खोज कर चुके हैं, हालांकि अब भी ये रहस्य सुलझ गया हो, ऐसा नहीं लगता।
यह कहा जाता है कि येति एक विशालकाय मानव जैसा जीव है जिसका शरीर बालों से भरा हुआ है। वह बेहद ताकतवर होता है और उसके पास से अजीब सी गंध आती है। साथ ही, येति के पैर बड़े बताए जाते हैं और उसकी आवाज चीख जैसी लगती है।
ऐसा भी कहा जाता है कि नेपाल, भारत और तिब्बत के हिमालय वाले इलाके में येति का घर है। कुछ लोग इसे कम ऊंचाई वाली जगहों पर रहने वाले लंगूर, बंदर, तिब्बत के नीले भालू और हिमालय के भूरे भालू जैसा भी बताते हैं। रूस के साइबेरिया इलाके में भी येति के पाए जाने का दावा किया जा चुका है।
येति को देखने का दावा 1925 में एक जर्मन फोटोग्राफर ने किया था। बाद में कई नेपालियों ने भी इसे देखने का दावा किया। 1953 में सर एडमंड हिलेरी और तेन्जिंग नोर्गे ने भी माउंट एवरेस्ट पर बड़े पैरों की निशान देखने की बात कही थी, हालाकि बाद में हिलेरी ने अपनी बात का खंडन कर दिया था।
वर्ष 2008 में भी एक जापानी एडवेंचरर ने कहा कि उन्होंने बड़े पांवों के निशान देखे हैं जोकि येति के हो सकते हैं। पैरों के ये निशान 8 इंच के थे और बिल्कुल इंसानी पैरों जैसे दिख रहे थे। 2010 में चीन के प्राचीन वुडलैंड्स में मिले एक जीव को येति कहा गया था। पहले स्थानीय लोग इसे भालू समझ रहे थे।