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Last Updated : सोमवार, 29 सितम्बर 2025 (15:38 IST)

PoK में आसिम मुनीर की फौज ने दागी लोगों पर गोलियां, शहबाज शरीफ के विरोध में भड़का विद्रोह

rebellion against Shahbaz Sharif
पाकिस्‍तान अब अपने ही लोगों पर गोलियां दागने से बाज नहीं आ रहा है। खबर है कि पीओेके में पाकिस्‍तानी सेना के प्रमुख आसिम मुनीर की फौज ने लोगों पर गोलियां दागीं हैं। दरअसल, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में विद्रोह भड़क उठा है। यहां के लोग शहबाज शरीफ सरकार के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं।

सरकार की तरफ से 29 सितंबर को बुलाए गए हड़ताल को रोकने के लिए हर सीमा लांघी जा रही है, यहां तक की सेना आम लोगों के उपर गोलियां तक चला रही है। बड़ी बात यह है कि पाकिस्तान सेना की तमाम कोशिशों के बावजूद स्थानीय लोग पीछे नहीं हट रहें। मौके से सामने आए एक वीडियो में दिखा कि प्रदर्शनकारी जनता ने पाकिस्तान सेना के एक अधिकारी को ही पकड़ लिया है।
2,000 पुलिसकर्मी तैनात : मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कोटली में हजारों की संख्या में लोगों के सड़कों पर उतरने के बाद पाकिस्तानी सेना ने गोली चलाई है। इसमें कई लोगों के घायल होने की सूचना है। पाक सरकार ने तनाव को देखते हुए पर्यटकों को पीओके ना जाने की सलाह दी गई है। पत्रकारों और मीडिया को भी पीओके में जाने से रोक दिया गया है। बताया गया है कि 2,000 पुलिसकर्मी और 167 एफसी प्लाटून पीओके में तैनात की गई हैं।

आधी रात से इंटरनेट बैन : दरअसल पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर यानी PoK हाल के इतिहास में अपने सबसे बड़े नागरिक विद्रोहों में से एक के लिए तैयार हो गया है। यहां अवामी एक्शन कमेटी (AAC) ने सोमवार, 29 सितंबर को पूरे क्षेत्र में व्यापक विरोध प्रदर्शन के लिए हड़ताल बुलाया था। लोग इसमें बड़ी संख्या में शामिल हुए और माना जा रहा है कि यह जो हड़ताल अनिश्चितकाल तक चल सकती है। लोगों की नाराजगी देखकर इस्लामाबाद की सरकार ने बड़े पैमाने पर सुरक्षा बलों को भेजा है और भीड़ को रोकने के लिए रविवार को आधी रात से इंटरनेट बैन कर दिया था।

क्‍या मांग रहे पीओके वाले : पीओके में महंगाई, रोजगार और संसाधनों पर हक जैसे मुद्दों को लेकर जनता सड़कों पर है। ज्वाइंट अवामी एक्शन कमेटी की अगुवाई में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। शहबाज शरीफ की सरकार असीम मुनीर के नेतृत्व वाली आर्मी इस प्रदर्शन को दबाने की कोशिश में लगी है लेकिन लोगों के गुस्से के सामने उसे कामयाबी मिलती नहीं दिख रही है। अन्य मांगों में सब्सिडी वाला आटा, मंगला जलविद्युत परियोजना से जुड़ी उचित बिजली दरें और इस्लामाबाद द्वारा वादा किए गए लंबे समय से रुके सुधारों को जमीन पर लागू करना शामिल हैं।
Edited By: Navin Rangiyal