चीन को पसंद आए 'पाकिस्तानी गधे', फिरेंगे दिन...
अभी तक पाकिस्तान की पहचान आतंकवाद समर्थक देश के रूप में ही ज्यादा है, लेकिन अब गधे पाकिस्तान की दौलत और शौहरत में इजाफा करने जा रहे हैं। दरअसल, पाकिस्तान में गधा पालकों के दिन फिरने वाले हैं। भारत के इस पड़ोसी देश में गधे इस समय एकदम 'हॉट प्रापर्टी' हो गए हैं।
खबरों के अनुसार आने वाले दिनों में पाकिस्तानी गधों के दाम आसमान छूने वाले हैं। कहा जा रहा है कि पाकिस्तान में गधा पालकों के 'अच्छे दिन' आना अब तय है। दरअसल, यह सब हो रहा है पाकिस्तान के खास दोस्त और सबसे बड़े निवेशक चीन की मेहरबानी से। पाकिस्तानी गधे अब चीन जाएंगे क्योंकि चीन में गधों की भारी मांग है। अपने 'खास दोस्त' की 'खास जरूरत' को पूरी करने के लिए पाकिस्तान 'गधा विकास कार्यक्रम' में एक अरब रुपए का निवेश कर रहा है।
पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक एक अरब रुपए का 'खैबर प्ख्तूनख्वा-चीन सस्टेनेबल डंकी डेवलपमेंट प्रोग्राम' चीनी निवेश आकर्षित करने के लिए प्रांत की ओर से तैयार इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो का हिस्सा है। यह 46 अरब डॉलर की लागत से बन रहे चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कोरिडोर में पैसा लगा रहे चीनी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए पाकिस्तानी रणनीति का एक हिस्सा माना जा रहा है।
यही नहीं पाकिस्तानी गधों की खूबियों को दर्शाने के लिए इस महीने चीन में गधों का दो दिनों का जो रोड शो होगा उसमें गधों से जुड़ा ये प्रस्ताव निवेशकों के सामने रखा जाएगा। इस कार्यक्रम में प्रस्तावित परियोजना के तहत स्थानीय गधों की सेहत में सुधार आएगा, जिससे उन्हें पालने वाले समुदाय की सामाजिक-आर्थिक दर्जे में भी सुधार होगा। इसमें गधों के प्रजनन के लिए नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होगा और गधों का प्रजनन कराने वाले लोगों के जीवन स्तर में भी सुधार होगा।
इस मामले के सामने आने के बाद सोशल मीडिया में मजाक के दौर भी चल पड़े हैं, कुछ लोग तंज कर रहे हैं कि चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर भविष्य में 'डंकी कॉरिडोर' बन जाएगा। तो कोई कह रहा है कि सरकार की पॉलिसी के तहत पाकिस्तान को अक्लमंद और प्रगतिशील मुल्क बनाने के लिए सारे गधे वहां से एक्सपोर्ट कर दिए जाएंगे।
जो भी हो गधों को कम आंकना किसी भी सूरत में सही नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि भारत में हाल ही में संपन्न उत्तरप्रदेश चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुजरात के गधों के एक विज्ञापन का मजाक उड़ाया था। अब यह बताने की जरूरत नहीं कि 'दुलत्ती' के सदमे से अखिलेश अब तक नहीं उबर पाए हैं।