होलाष्टक में भूलकर भी न करें ये काम, हो सकता है नुकसान
holashtak me kya karna chahiye: होलाष्टक होली से आठ दिन पहले शुरू होता है। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। हिंदू धर्म में होलाष्टक को अशुभ माना जाता है। होलाष्टक के दौरान शुभ कार्य न करने के पीछे कई धार्मिक मान्यताएं हैं। आइए जानते हैं कि होलाष्टक के दौरान कौन से कार्य नहीं करने चाहिए।
होलाष्टक में क्या नहीं करना चाहिए?
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विवाह: होलाष्टक के दौरान विवाह करना वर्जित माना जाता है। मान्यता है कि इस दौरान किए गए विवाह सफल नहीं होते हैं।
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गृह प्रवेश: होलाष्टक के दौरान नए घर में प्रवेश करना भी अशुभ माना जाता है।
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भूमि पूजन: होलाष्टक के दौरान भूमि पूजन करना भी वर्जित है।
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नया व्यवसाय: होलाष्टक के दौरान कोई नया व्यवसाय शुरू करना भी अशुभ माना जाता है।
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16 संस्कार: होलाष्टक के दौरान 16 संस्कारों जैसे नामकरण संस्कार, जनेऊ संस्कार, विवाह संस्कार आदि को करना भी वर्जित माना जाता है।
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हवन और यज्ञ: होलाष्टक के दौरान हवन और यज्ञ जैसे धार्मिक अनुष्ठान भी नहीं किए जाते हैं।
होलाष्टक में शुभ कार्य क्यों नहीं किए जाते हैं?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, होलाष्टक के दौरान नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव अधिक होता है। इसलिए इस दौरान किए गए शुभ कार्य सफल नहीं होते हैं। होलाष्टक के दौरान भगवान विष्णु के भक्त प्रह्लाद को उनके पिता हिरण्यकश्यप ने कई तरह की यातनाएं दी थीं। इसलिए इन आठ दिनों को अशुभ माना जाता है।
होलाष्टक में क्या करें?
होलाष्टक के दौरान भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। इस दौरान मंत्र जाप, भजन और कीर्तन करना शुभ माना जाता है। होलाष्टक के दौरान दान-पुण्य करना भी अच्छा माना जाता है।
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