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Last Updated :गुरुग्राम/रेवाड़ी , सोमवार, 23 सितम्बर 2024 (12:26 IST)

Haryana को नहीं मिली अभी तक कोई महिला मुख्यमंत्री, सिर्फ 87 महिलाएं ही विधानसभा पहुंचीं

कांग्रेस ने सबसे अधिक 12 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा

haryana election
Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा चुनाव (Haryana Assembly) में अभी तक पुरुषों का ही दबदबा कायम रहा है और इस बार भी विधानसभा चुनाव (assembly elections) में सिर्फ 51 महिला उम्मीदवार मैदान में हैं। प्रमुख राजनीतिक दलों ने जिन महिला उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है, उनमें से अधिकतर का या तो राजनीतिक परिवार से नाता है या फिर वे कोई चर्चित चेहरा हैं।
 
हरियाणा के 1966 में पंजाब से अलग होकर राज्य बनने के बाद से विधानसभा में अभी तक केवल 87 महिलाएं चुनकर पहुंची हैं। हरियाणा अपने खराब लैंगिक अनुपात के लिए हमेशा चर्चा में रहा है और यहां अभी तक कभी कोई महिला मुख्यमंत्री नहीं बनी है।

 
कांग्रेस ने सबसे अधिक 12 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा : उम्मीदवारों की सूची पर गौर करने से पता चलता है कि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने सबसे अधिक 12 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। इसके बाद गठबंधन में चुनाव लड़ रहे भारतीय राष्ट्रीय लोकदल (इनेलो) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने संयुक्त रूप से 11 महिला उम्मीदवारों, जबकि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 10 महिला उम्मीदवारों का टिकट दिया है।
 
जननायक जनता पार्टी (जजपा) और आजाद समाज पार्टी (आसपा) का गठबंधन 85 सीट पर चुनाव लड़ रहा है और केवल 8 पर महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया है। आम आदमी पार्टी (आप) की 90 उम्मीदवारों की सूची में 10 महिलाएं शामिल हैं।
 
5 विधानसभा चुनाव में कुल 47 महिलाएं विधायक बनीं : हरियाणा विधानसभा के रिकॉर्ड के अनुसार वर्ष 2000 से अभी तक हुए 5 विधानसभा चुनाव में कुल 47 महिलाएं राज्य में विधायक चुनी गईं। राज्य अपने विषम लैंगिक अनुमात के लिए बदनाम है, वर्ष 2023 में यहां प्रति 1,000 लड़कों पर 916 लड़कियां थीं।

 
वर्ष 2019 के चुनाव में 104 महिला उम्मीदवार मैदान में थीं, जिनमें निर्दलीय उम्मीदवार भी शामिल हैं। वर्ष 2014 के चुनाव में सबसे अधिक 116 महिला उम्मीदवार मैदान में थीं जिनमें से 13 ने जीत दर्ज की थी। 2019 के चुनाव में यह संख्या घटकर नौ रह गई।
 
हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान 5 अक्टूबर को होगा। परिणाम 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। इस बार के चुनावी मुकाबले में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती सिंह राव भी मैदान में हैं, जो भाजपा की टिकट पर पहली बार चुनाव लड़ रही हैं। इस साल की शुरुआत में कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुईं पूर्व मुख्यमंत्री बंसी लाल की पोती श्रुति चौधरी तोशम से चुनाव लड़ रही हैं।

 
4 बार के कांग्रेस विधायक और राज्य की पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने कहा कि कांग्रेस ने अन्य दलों की तुलना में सबसे अधिक महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। उन्होंने कहा कि संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण की अनुमति देने वाला विधेयक पारित हो गया, लेकिन इसे लागू 2029 में किया जाएगा जो महिलाओं के साथ मजाक ही है। भुक्कल झज्जर से चुनाव लड़ रही हैं।
 
जींद जिले के जुलाना में कांग्रेस की ओर से कुश्ती खिलाड़ी विनेश फोगाट मैदान में हैं। यौन उत्पीड़न विरोधी प्रदर्शन का चेहरा बन चुकी फोगाट ने पेरिस 2024 के ओलंपिक में स्वर्ण पदक के अभियान से चूकने के बाद खेल से संन्यास ले लिया था।

 
फोगाट का मुकाबला 'आप' की कविता दलाल से : फोगाट का मुकाबला 'आप' की कविता दलाल से है, जो डब्ल्यूडब्ल्यूई में प्रतिस्पर्धा करने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान हैं। चुनाव का सबसे चर्चित चेहरा एशिया की सबसे अमीर एवं ओपी जिंदल समूह की चेयरपर्सन सावित्री जिंदल (74) हैं। जिंदल को भाजपा से टिकट मिलने की उम्मीद थी, लेकिन वह निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रही हैं। वह हरियाणा के मंत्री और हिसार के मौजूदा विधायक कमल गुप्ता के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं।
 
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के विश्वासपात्र निर्मल सिंह की बेटी चित्रा सरवारा कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने के बाद अंबाला छावनी सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं। उनका मुकाबला भाजपा के अनिल विज और कांग्रेस के परविंदर सिंह परी से है। 'आप' की राबिया किदवई मुस्लिम बहुल निर्वाचन क्षेत्र नूंह से पहली महिला उम्मीदवार हैं।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta