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Last Updated : रविवार, 18 अप्रैल 2021 (00:19 IST)

Kumbh 2021 : कोरोना के चलते जूना अखाड़ा की ओर से हरिद्वार कुंभ का समापन, PM मोदी की अपील के बाद लिया फैसला

Kumbh 2021 : कोरोना के चलते जूना अखाड़ा की ओर से हरिद्वार कुंभ का समापन, PM मोदी की अपील के बाद लिया फैसला - kumbh mela is now concluded for juna akhara swami avdheshanand giri
हरिद्वार। कोरोनावायरस के बढ़ते कहर के बीच जूना अखाड़ा ने अपनी ओर से हरिद्वार कुंभ का समापन कर दिया है। जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा कि कुंभ मेला अब जूना अखाड़ा के लिए संपन्न होता है।

उन्होंने ट्वीट कर कहा कि 'भारत की जनता व उसकी जीवन रक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए हमने विधिवत कुंभ के आवाहित समस्त देवताओं का विसर्जन कर दिया है। जूना अखाड़ा की ओर से यह कुम्भ का विधिवत विसर्जन-समापन है।'
आज सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर जानकारी दी थी कि आचार्य महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी अवधेशानंद गिरि जी से आज फोन पर बात की। सभी संतों के स्वास्थ्य का हाल जाना। सभी संतगण प्रशासन को हर प्रकार का सहयोग कर रहे हैं। मैंने इसके लिए संत जगत का आभार व्यक्त किया। मैंने प्रार्थना की है कि दो शाही स्नान हो चुके हैं और अब कुंभ को कोरोना के संकट के चलते प्रतीकात्मक ही रखा जाए। इससे इस संकट से लड़ाई को एक ताकत मिलेगी।
इसके बाद स्वामी अवधेशानंद ने ट्वीट कर बताया कि माननीय प्रधानमंत्रीजी के आह्वान का हम सम्मान करते हैं! जीवन की रक्षा महत पुण्य है। मेरा धर्मपरायण जनता से आग्रह है कि कोविड की परिस्थितियों को देखते हुए भारी संख्या में स्नान के लिए न आएं एवं नियमों का निर्वहन करें!'

जूना के साथ सहयोगी अग्नि आवाहन और किन्नर अखाड़े ने कुंभ विर्सजन का ऐलान कर दिया। जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि का कहना है कि श्री दशनाम जूना अखाड़ा के सभी साधु-संतों द्वारा निर्णय लिया गया। जिन देवताओं का हमारे द्वारा आवाहन किया गया था उसका हमारे द्वारा विसर्जन कर दिया गया है, अब हमारे सभी कार्यक्रम पर विराम लग गया है।

अब कोई भी कुंभ मेले के बड़े कार्यक्रम अखाड़े द्वारा आयोजित नहीं किए जाएंगे। अब अखाड़े में कुछ ही संत निवास करेंगे। बाकी सभी संन्यासी अपने अपने निवास स्थान के लिए प्रस्थान करेंगे। कुछ साधु संत भी प्रतीकात्मक रूप से ही कुंभ का आखरी स्नान करेंगे।
 
इससे पूर्व हरिद्वार कुंभ में शामिल संतों के 13 अखाड़ों में से एक निरंजनी अखाड़े ने कोविड-19 के बढ़ते मामलों और राज्य में खराब होती स्थिति के मद्देनजर गुरुवार को आयोजन से हटने का फैसला किया था। निरंजनी अखाड़ा के सचिव रवींद्र पुरी ने कहा था कि 'मुख्य शाही स्नान 14 अप्रैल को मेष संक्राति के साथ संपन्न हो गया। हमारे अखाड़ा में कई लोगों में कोविड-19 के लक्षण सामने आ रहे हैं। ऐसे में हमारे लिए कुंभ मेला संपन्न हो गया।'

उल्लेखनीय है कि 10 से 14 अप्रैल के बीच हरिद्वार कुंभ क्षेत्र में 1,701 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक समागम है और आशंका है कि लोगों की भीड़ से संक्रमण के मामलों में और तेजी से वृद्धि होगी।
 
कुंभ के दौरान 12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या पर और 14 अप्रैल को मेष संक्राति पर दो शाही स्नान हुए जिनमें कुल 48.51 लाख श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया था और उन्हें खुले तौर पर मास्क और सामाजिक दूरी के नियम का उल्लंघन करते हुए देखा गया।
 
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रमुख महंत नरेंद्र गिरि पिछले हफ्ते कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे और ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती किया गया था। निर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी कपिल देव की मृत्यु 13 अप्रैल को कोविड-19 इलाज के दौरान एक निजी अस्पताल में हो गई।