रविवार, 22 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. गुरु पूर्णिमा
  4. Guru Purnima Gift 2022
Written By

गुरु पूर्णिमा 2022 : शुभ मुहूर्त में गुरु को दें यह उपहार, ऋषि-मुनि और बृहस्पति का मिलेगा आशीर्वाद

गुरु पूर्णिमा 2022 : शुभ मुहूर्त में गुरु को दें यह उपहार, ऋषि-मुनि और बृहस्पति का मिलेगा आशीर्वाद - Guru Purnima Gift 2022
Guru Purnima 2022
 
गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वर:। गुरुर्साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नम:।।
 
अर्थात्- गुरु ब्रह्मा, विष्णु और महेश है। गुरु तो परम ब्रह्म के समान होता है, ऐसे गुरु को मेरा प्रणाम।
 
वर्ष 2022 में गुरु पूर्णिमा (guru purnima) बुधवार, 13 जुलाई को मनाई जा रही है। इस दिन गुरु का पूजन करके उनके चरणस्पर्श करने से ऋषि-मुनि और बृहस्पति देव प्रसन्न होकर हमें आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

हिन्दू धर्म में गुरु पूर्णिमा का दिन गुरुजनों, शिक्षकों के पूजन के लिए समर्पित है जो हमें अच्छे संस्कार और शिक्षा देकर हमारे मार्गदर्शक के रूप में कार्य करते हैं। इस दिन आषाढ़ पूर्णिमा और व्यास पूर्णिमा भी मनाई जाती है, अत: इस दिन गंगा स्नान तथा दान, उपहार (भेंट) आदि देने का भी काफी महत्व है। 
 
ज्योतिषियों की मानें तो इस बार गुरु पूर्णिमा पर कुछ खास योग बन रहे हैं। जिसमें रुचक, भद्र, हंस और शश नामक राजयोग बन रहे हैं, जो कि काफी अच्छे माने जाते हैं। इतना ही नहीं गुरु पूर्णिमा के दिन मंगल, बुध, गुरु और शनि स्थिति में है। 
 
इस बार गुरु पूर्णिमा के दिन शुभ मुहूर्त में गुरु को उपहार देने से जीवन में खुशहाली आती है। जब गुरु प्रसन्न होकर हमसे खुश होते हैं तब हमारे ऋषि-मुनि और देवगुरु बृहस्पति भी अपना आ‍शीष हमें प्रदान करते हैं। आइए यहां जानते हैं इस गुरु पूर्णिमा पर जब आप अपने गुरुजी का आशीर्वाद लेने जाएं, तब उनका पूजन करके अपनी राशि अनुसार उन्हें कुछ न कुछ उपहार अवश्य दें, आपको निश्चित रूप से उनका आशीर्वाद मिलेगा। 
 
यहां जानिए राशिनुसार क्या दें उपहार- Guru Purnima Gift Ideas 2022
 
मेष- अन्न के साथ मूंगा।
 
वृषभ- चांदी।
 
मिथुन- शॉल।
 
कर्क- चावल।
 
सिंह- पंचधातु से निर्मित सामग्री।
 
कन्या- डायमंड।
 
तुला- कम्बल भेंट करें।
 
वृश्चिक- माणिक।
 
धनु- स्वर्ण।
 
मकर- पीला वस्त्र।
 
कुंभ- सफेद मोती।
 
मीन- हल्दी और चना दाल।

ये भी पढ़ें
अंतिम समय में तुलसी और गंगाजल क्यों रखते हैं मुंह में