शुक्रवार, 29 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. पर्यावरण विशेष
  4. Why and when was the start of celebrating 'World Tiger Day'
Written By
Last Updated : गुरुवार, 29 जुलाई 2021 (12:25 IST)

World Tiger Day 2021: क्‍यों और कब हुई ‘वर्ल्‍ड टाइगर डे’ मनाने की शुरुआत

World Tiger Day 2021: क्‍यों और कब हुई ‘वर्ल्‍ड टाइगर डे’ मनाने की शुरुआत - Why and when was the start of celebrating 'World Tiger Day'
पूरी दुनिया में 29 जुलाई के दिन बाघों के संरक्षण के लिए वर्ल्‍ड टाइगर डे मनाया जाता है। साल 2010 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में इसे मनाए जाने की घोषणा हुई थी।

एक वक्‍त था जब बाघों की प्रजाती पर संकट आ गया था और तेजी से इनकी संख्‍या घट रही थी। हालांकि अब बाघों की संख्‍या में इजाफा हो रहा है। बाघों के संरक्षण के लिए कई स्‍तरों पर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी प्रयास में एक विश्‍व बाघ दिवस यानी अंतर्राष्‍ट्रीय बाघ दिवस मनाने की भी शुरुआत की गई थी।

बाघ यानी टाइगर्स को बचाने के लिए दुनियाभर में 29 जुलाई के दिन विश्व बाघ दिवस मनाया जाता है। 2010 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में वर्ल्‍ड टाइगर डे मनाने की घोषणा की गई थी।

आइए जानते हैं कब और कहां से इस दिन की शुरुआत हुई थी।

रिपोर्ट के मुताबि‍क दुनियाभर के मात्र 13 देशों में ही बाघ हैं, हालांकि अच्‍छी बात यह है कि इसके 70 प्रतिशत बाघ सिर्फ भारत में हैं। साल 2010 में भारत में बाघों की संख्या सिर्फ 1700 के आसपास पहुंच गई थी। जिसके बाद लोगों में बाघों के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए साल 2010 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में एक शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया था। जिसमें हर प्रति वर्ष अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाए जाने का फैसला लिया गया। इस सम्मेलन में कई देशों ने 2022 तक बाघों की संख्या को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है।

अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस का नतीजा यह है कि अब धीरे-धीरे बाघों की संख्‍या में इजाफा हो रहा है। साल 2010 में की गई गणना के मुताबिक बाघों की संख्या 1706 थी, वहीं साल 2018 में यह संख्‍या देश में बढ़कर 2967 हो गई।
एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में केरल, उत्तराखंड, बिहार और मध्यप्रदेश में बाघों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।

देश में बाघों की जनगणना हर चार साल में की जाती है। जिससे उनकी ग्रोथ रेट का पता लगाया जाता है। साल 1973 में देश में मात्र 9 टाइगर रिजर्व ही थे, जिसकी संख्या अब बढ़कर 51 हो गई है। बता दें कि मप्र को देश का टाइगर स्‍टेट कहा जाता है, क्‍योंकि यहां सबसे ज्‍यादा संख्‍या में टाइगर्स पाए जाते हैं, जबकि यहां लेपर्ड भी सबसे ज्‍यादा संख्‍या में पाए जाते हैं।
ये भी पढ़ें
टोक्यो में ओलंपिक के बीच बढ़ा कोरोना का खतरा, अधिकारियों ने चेताया