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Written By WD Feature Desk

Kamika ekadashi: 31 जुलाई को है कामिका एकादशी, पढ़ें व्रत की कथा

Kamika ekadashi: 31 जुलाई को है कामिका एकादशी, पढ़ें व्रत की कथा - Kamika Ekadashi Katha Hindi
Highlights : 
 
* कामिका एकादशी व्रत की पौराणिक कथा पढ़ें।
* कामिका एकादशी कब है 2024 में।
 
kamika ekadashi katha : वर्ष 2024 में 31 जुलाई, दिन बुधवार को कामिका एकादशी का व्रत रखा जा रहा है। हर साल यह एकादशी श्रावण मास के कृष्ण पक्ष के ग्यारस तिथि में पड़ती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इसकी पौराणिक कथा पढ़ने या सुनने मात्र से ही मनुष्य वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है। इस दिन शंख, चक्रधारी भगवान श्री विष्णु का पूजन किया जाता है, जिनके नाम श्रीधर, हरि, विष्णु, माधव, मधुसूदन हैं। 
 
आइए यहां जानते हैं कामिका एकादशी की पौराणिक व्रत कथा- 
 
कामिका एकादशी के बारे में एक कथा के अनुसार प्राचीन काल में किसी गांव में एक ठाकुर जी थे। क्रोधी ठाकुर का एक ब्राह्मण से झगड़ा हो गया और क्रोध में आकर ठाकुर से ब्राह्मण का खून हो जाता है। 
 
अत: अपने अपराध की क्षमा याचना हेतु ब्राह्मण की क्रिया उसने करनी चाही, परंतु पंड़ितों ने उसे क्रिया में शामिल होने से मना कर दिया और वह ब्रह्म हत्या का दोषी बन गया। परिणामस्वरूप ब्राह्मणों ने भोजन करने से इंकार कर दिया। 
 
तब उन्होंने एक मुनि से निवेदन किया कि- हे भगवान, मेरा पाप कैसे दूर हो सकता है, इस पर मुनि ने उसे कामिका एकादशी व्रत करने की प्रेरणा दी। ठाकुर ने वैसा ही किया जैसा मुनि ने उसे करने को कहा था। जब रात्रि में भगवान की मूर्ति के पास वह शयन कर रहा था, तभी उसे स्वप्न में प्रभु दर्शन देकर उसके पापों को दूर करके उसे क्षमा दान देते हैं।
 
कामिका एकादशी की रात्रि को दीपदान तथा जागरण के फल का माहात्म्य चित्रगुप्त भी नहीं कह सकते। जो इस एकादशी की रात्रि को भगवान के मंदिर में दीपक जलाते हैं उनके पितृ स्वर्गलोक में अमृतपान करते हैं तथा जो घी या तेल का दीपक जलाते हैं, वे सौ करोड़ दीपकों से प्रकाशित होकर सूर्य लोक को जाते हैं।

अत: कामिका एकादशी के व्रत का माहात्म्य श्रद्धा से सुनने और पढ़ने वाला मनुष्य सभी पापों से मुक्त होकर विष्णु लोक को जाता है। 
 
श्रावण मास की कामिका एकादशी की कथा वाजपेय यज्ञ का फल देने वाली मानी गई है। ब्रह्म हत्या तथा भ्रूण हत्या आदि पापों को नष्ट करने वाली इस कामिका एकादशी का व्रत मनुष्य को अवश्य ही करना चाहिए।  इस कामिका एकादशी के माहात्म्य के श्रवण व पठन से मनुष्य स्वर्गलोक को प्राप्त करते हैं।

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