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Last Updated : गुरुवार, 15 अप्रैल 2021 (01:27 IST)

भोपाल के श्मशान और कब्रिस्तान में शवों की आई बाढ़, अंतिम संस्कार के लिए नहीं बची जगह

भोपाल के श्मशान और कब्रिस्तान में शवों की आई बाढ़, अंतिम संस्कार के लिए नहीं बची जगह - No room left for funeral in Bhopal
भोपाल (मध्यप्रदेश)। कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 महामारी के कहर के बीच मौतों का आंकड़ा तेजी से बढ़ने से भोपाल स्थित विश्रामघाटों एवं कब्रिस्तानों में अंतिम संस्कार करने के लिए जगह की कमी सहित कई मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले कुछ दिनों से यहां विश्रामघाटों एवं कब्रिस्तानों में अंतिम संस्कार करने के लिए लाए जाने वाले शवों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है।

यह जानकारी इन विश्रामघाटों एवं कब्रिस्तानों का संचालनकर्ताओं से बुधवार को मिली है। भदभदा विश्राम घाट प्रबंधन समिति के सचिव मम्तेश शर्मा ने बताया, पिछले चार दिनों में हमने भदभदा विश्राम घाट में करीब 200 शवों का अंतिम संस्कार किया। इनमें से कई लोगों का अंतिम संस्कार कोविड-19 के प्रोटोकॉल के मुताबिक किया गया। अब हम पास में ही दो एकड़ जमीन पर अंतिम संस्कार कर रहे हैं।भदभदा विश्राम घाट प्रदेश की राजधानी भोपाल में हिन्दुओं के बड़े श्मशान घाटों में से एक है।

शर्मा ने कहा, स्थिति इतनी खराब हो गई है कि कम से कम 58 शवों का दाह संस्कार मंगलवार को किया गया, जिनमें से 57 शवों का कोविड-19 के प्रोटोकॉल के मुताबिक किया गया, जबकि बुधवार शाम तक 50 से अधिक शवों का अंतिम संस्कार किया गया है। शर्मा ने कहा कि भदभदा विश्राम घाट प्रबंधन समिति ने इस श्मशान के पास में ही दो एकड़ जमीन पर भी कोविड-19 के मुताबिक अंतिम संस्कार करना शुरू कर दिया है।

उन्होंने कहा, हमने विश्राम घाट से लगी खुले जगह पर 30 अतिरिक्त चितास्थल बनाकर उन पर अंतिम संस्कार करना शुरू कर दिया है। अगले दो-तीन दिनों में इस श्मशान घाट से लगी अन्य जमीन पर 20 और चितास्थल बनाएंगे। शर्मा ने बताया कि पहले भदभदा विश्राम घाट पर 20 से 22 चितास्थल थे, जिन पर शवों का अंतिम संस्कार किया जाता था।

उन्होंने कहा, भदभदा विश्राम घाट में शवों की बढ़ती तादाद को देखते हुए हम मृतकों के परिजन को कह रहे हैं कि वे दाह संस्कार के अगले दिन ही अस्थियां ले जाएं। वहीं शहर के सुभाष नगर विश्राम घाट के प्रबंधक शोभराज सुखवानी ने बताया कि उनके विश्राम घाट में पिछले एक सप्ताह से प्रतिदिन 40 से अधिक शव अंतिम संस्कार के लिए लाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हम विश्राम घाट के एक पार्क को भी चितास्थल के रूप में उपयोग कर रहे हैं, क्योंकि हमारे पास इन शवों के दाह संस्कार के लिए जगह की कमी हो गई है। सुखवानी ने बताया कि बुधवार दोपहर तक इस विश्राम घाट में 34 शव लाए जा चुके हैं। इनमें से 16-17 शवों का कोविड-19 के मुताबिक अंतिम संस्कार किया गया है।ऐसी ही स्थिति भोपाल के कब्रिस्तानों में भी बनी हुई है।
कब्रिस्तान प्रबंधन समिति के अध्यक्ष रेहान गोल्डन ने बताया, स्थित बहुत खराब है। प्रतिदन औसतन हमारे कब्रिस्तान में सात से आठ शव दफनाने के लिए आ रहे हैं। इनमें से कुछ को कोविड-19 प्रोटोकोल के मुताबिक दफनाया जा रहा है। हालांकि सरकारी आंकड़ों के अनुसार भोपाल में नौ अप्रैल से 13 अप्रैल के बीच में कोविड-19 से 10 लोगों की मौत हुई है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से जब एक टेलीविजन चैनल द्वारा सवाल किया गया कि सरकारी आंकड़ों एवं शवों में इतना अंतर क्यों आ रहा है, तो इसके जवाब में उन्होंने इस चैनल पर कहा कि यह अंतर इसलिए आ रहा है, क्योंकि संदेहास्पद कोविड मरीज के मरने पर उसका अंतिम संस्कार भी कोविड-19 के प्रोटोकोल के मुताबिक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोग अन्य रोगों से भी मर रहे हैं।(भाषा) 
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