कांग्रेस की विधायक को बागी तेवर पड़े भारी, पार्टी से किया निलंबित
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में प्रवासी मजदूरों को बसों के द्वारा घर पहुंचाने को लेकर कांग्रेस और बीजेपी की राजनीतिक जंग जोरों पर है और आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है, लेकिन इसी राजनीतिक जंग में आकर रायबरेली सदर से कांग्रेस विधायक आदित्य सिंह ने अपनी ही पार्टी पर सवाल खड़े करके बीजेपी को कांग्रेस को घेरने का मौका दे दिया और विधायिका के बयान के बाद पूरे प्रदेश में बीजेपी के प्रवक्ता व बीजेपी कार्यकर्ता ने कांग्रेस को घेरने में जुट गए। इस बीच विधायक आदित्य सिंह को कांग्रेस पार्टी ने महिला विंग के महासचिव पद से निलंबित कर दिया।
लंबे समय से पार्टी के खिलाफ विधायक आदित्य सिंह के बागी तेवर को लेकर कार्यकर्ताओं के साथ पदाधिकारी भी उनसे नाराज चल रहे थे और कार्रवाई की मांग कर रहे थे, लेकिन कांग्रेस के खिलाफ विवादित बयान देने के बाद पदाधिकारियों के साथ-साथ कार्यकर्ताओं को मौका मिल गया और वे विधायक पर कार्रवाई की मांग करने का दबाव पार्टी पर बनाने लगे।
आखिर लंबे समय से पार्टी के खिलाफ चल रही विधायक आदित्य सिंह को कांग्रेस पार्टी ने महिला विंग के महासचिव पद से निलंबित कर दिया।साथ ही उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में प्रवासी मजदूरों को लाने को लेकर बस के मुद्दे पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच जमकर राजनीतिक संघर्ष हो रहा है।
जिसको लेकर जहां प्रियंका गांधी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आमने-सामने हैं तो वहीं रायबरेली से कांग्रेस की विधायक अदिति सिंह ने बसों के मुद्दे पर भाजपा का पक्ष लेते हुए बुधवार को अपनी ही पार्टी पर निशाना साधते हुए ट्विटर पर कहा कि आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत,एक हजार बसों की सूची भेजी, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा, 297 कबाड़ बसें, 98 आटो रिक्शा व एबुंलेंस जैसी गाड़ियां, 68 वाहन बिना कागजात के, ये कैसा क्रूर मजाक है, अगर बसें थीं तो राजस्थान,पंजाब, महाराष्ट्र में क्यूं नहीं लगाईं।
कोटा में जब उत्तर प्रदेश के हजारों बच्चे फंसे थे, तब कहां थीं ये तथाकथित बसें, तब कांग्रेस सरकार इन बच्चों को घर तक तो छोड़िए,बार्डर तक ना छोड़ पाई,तब @myogiadityanath जी ने रातोरात बसें लगाकर इन बच्चों को घर पहुंचाया, खुद राजस्थान के सीएम ने भी इसकी तारीफ की थी।