Lockdown नियमों में ढील के बाद राजस्थान में सामान्य होता दिखा जनजीवन
जयपुर। राजस्थान सरकार द्वारा लॉकडाउन के चौथे चरण में ढील दिए जाने के बाद मंगलवार को राज्य के ज्यादातर शहरों में जनजीवन पटरी पर लौटता दिखा।
सूत्रों ने बताया कि मास्क, सेनेटाइजर के इस्तेमाल एवं सामाजिक मेल-जोल से दूरी जैसी शर्तों के कारण लोगों की आवाजाही सीमित ही रही।
राजस्थान सरकार लॉकडाउन के चौथे चरण के लिए दिशा-निर्देश सोमवार को जारी कर चुकी है। इसमें कंटेनमेंट जोन के अलावा सभी स्थानों पर दुकानें खोलने की सशर्त अनुमति दी गई है। इनमें सैलून व पार्लर भी शामिल हैं।
राजधानी जयपुर के शहरी क्षेत्र में परकोटे के तहत रामगंज इलाके में 13 कंटेनमेंट जोन हैं और रामगंज इलाका कोरोना वायरस संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित है।
शहर के अन्य इलाकों में बाजार बंद हैं और परचून और अन्य आवश्यक सामग्री की दुकानें पूर्ववत तरीके से खुली हुई हैं। परकोटे वाले क्षेत्र को छोड़कर शहर के अन्य बाजारों में दुकानों के खुलने से फिर से रौनक लौट आई है।
अर्जुन नगर के एक दुकानदार प्रकाश वर्मा ने बताया कि 'इस समय इस छूट की बहुत जरूरत थी। मुझे दो महीनों में बहुत नुकसान हुआ है और अब मैं इस नुकसान की भरपाई करने की कोशिश कर रहा हूं। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के बारे में और इसके प्रभाव के बारे सभी को पता है, लेकिन अब भी लोगों को अनुशासन का पालन करना जरूरी है। मैंने इसलिए मेरी दुकान के सामने एक बोर्ड टांग दिया है जिसमें सरकारी नियमों के अनुसार दुकान में एक समय में केवल 5 लोगों के आने की बात कही गई है।
प्रदेश में पान, गुटखा और तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर अब भी प्रतिबंध है। सैलून और पार्लर पर प्रत्येक ग्राहक को सेवा देने के बाद सेनेटाइजेशन करना अनिवार्य होगा।
दिशा-निर्देशों के अनुसार सामाजिक मेलजोल की दूरियों के नियमों का अनुपालन नहीं किए जाने की स्थिति में दुकानें बंद करने के साथ साथ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
जयपुर रेड जोन में होने के कारण विशेष परिस्थितियों को छोड़कर किसी प्रकार के वाणिज्यक यात्री वाहनों को अनुमति नहीं दी गई है। (भाषा)