भारत में संकीर्ण राजनीतिक हलचलों से दूर अपने आप उभरते वैश्विक परिवार
अनिल त्रिवेदी (एडवोकेट) | बुधवार,जून 15,2022
भारत सनातन सभ्यता को समझने वाला देश है। भारतीय समाज में इन दिनों ऐसी हलचलों का हल्ला-गुल्ला जरूरत से ज्यादा चल रहा है ...
असहमति को कुचलना लोकतंत्र नहीं है
अनिल त्रिवेदी (एडवोकेट) | मंगलवार,जून 7,2022
लोकतंत्र अकेली सहमति का तंत्र नहीं है। हर बात में सबको सहमत होना ही होगा। यह राजशाही, सामंतशाही या तानाशाही की जीवनी ...
भारत में सबसे ताकतवर शक्ति कौन सी है?
अनिल त्रिवेदी (एडवोकेट) | शनिवार,मई 14,2022
इन दिनों मन में उठा एक सहज और बुनियादी सवाल यह हैं कि भारत में सबसे ताकतवर शक्ति कौन सी हैं? प्रायः इसका उत्तर शाय़द ...
आनंद का सनातन प्रवाह
अनिल त्रिवेदी (एडवोकेट) | मंगलवार,अप्रैल 19,2022
अध्यात्म की अनुभूति का सनातन प्रवाह हम सबके जीवन के आनन्द में समाया हुआ है। पर जब हम सब, संकीर्ण लोभ लालचवश, सनातन ...
सरकारी हिन्दू, असरकारी हिन्दू
अनिल त्रिवेदी (एडवोकेट) | बुधवार,मार्च 23,2022
सनातन समय से दुनियाभर में हिन्दू दर्शन, जिज्ञासा, जीवनी शक्ति और अध्यात्म की तलाश का विचार या मानवीय जीवन पद्धति ही रहा ...
शांति, अशांति, विचार और विचारधारा की बुनियाद
अनिल त्रिवेदी (एडवोकेट) | शुक्रवार,अक्टूबर 1,2021
शांति-अशांति, विचार और विचारधारा ये सब मनुष्य के मन में सनातन काल से चलने वाली हलचलें हैं। जैसे प्रकाश में प्राकृतिक ...
जब संसद मौन हो जाती है तो सड़कें बोलने लगती हैं
अनिल त्रिवेदी (एडवोकेट) | गुरुवार,जनवरी 21,2021
जीवन गतिहीन निस्तेज जड़ता न होकर नित नए प्रवाह की तरह निरंतर गतिशील तेजस्विता का पर्याय है। किसी सरकार का आना-जाना ...
लोक की हलचल तंत्र का असमंजस
अनिल त्रिवेदी (एडवोकेट) | बुधवार,दिसंबर 9,2020
भारत एक लोकतांत्रिक देश है, पर कोरोना काल में हमारे लोकतंत्र के दो हिस्से हो गए।पहला हिस्सा नित नई हलचल वाला लोक, दूसरा ...
बिना मिले झगड़ते रहने वाली दुनिया
अनिल त्रिवेदी (एडवोकेट) | शनिवार,नवंबर 28,2020
झगड़ा मनुष्य का गुण है या अवगुण इस पर कोई और टीका टिप्पणी नहीं।पर आज सूचना क्रांति के आभासी युग में शान्त और सरल स्वभाव ...
स्वदेशी का अर्थ देशज होना है
अनिल त्रिवेदी (एडवोकेट) | मंगलवार,अक्टूबर 27,2020
हमारी लोक समझ हमें सिखाती है कि जो देशज है, स्थानीय है, वे देशी हैं। इस तरह लोक मान्यता अनुसार स्वदेशी का अर्थ विदेशी ...