Jupiter transit in Gemini 2025: 14 मई 2024 बुधवार को बृहस्पति ग्रह वृषभ से निकलकर मिधुन राशि में प्रवेश करेंगे तब वे 3 गुना अतिचारी होकर चलेंगे। 14 मई 2025 से लेकर 18 मार्च 2033 तक यानी 8 वर्षों तक राशियों में वह 3 गुना अतिचारी रहेंगे। इन 8 वर्षों में वे धरती के वातावरण को बदलकर रख देंगे। जब तक मिथुन राशि में रहेंगे तब तक 3 राशियों की किस्मत चमक जाएगी और 3 राशियों को परेशान रहना होगा।
क्या है अतिचारी होना : जब कोई ग्रह अपनी सामान्य गति से तेज चलता है तो उसे अतिचारी कहते हैं। हालांकि ऐसा होता नहीं है वह ऐसा धरती से नजर आता है। गुरु एक राशि में करीब 1 साल तक रहते हैं। ऐसे में एक राशि में दोबारा आने में करीब 12 साल का वक्त लगता है। लेकिन इस बार गुरु 1 वर्ष से भी कम समय में वृषभ राशि में तेज गति से चलते हुए अगली राशि में वक्री गति करेंगे और पुन: वृषभ राशि में लौट आएंगे। गुरु को 40 दिनों के लिए नीच स्थान का होना था लेकिन इस समय उनकी गति 3 गुना अधिक है और इस वजह से वो नवमांश कुंडली में केवल 18 दिनों के लिए ही नीच के रहने वाले हैं।
धरती पर क्या होगा इसका प्रभाव?
कहते हैं कि कुंडली में गुरु अच्छा है तो सबकुछ अच्छा रहता है। इसी तरह यदि धरती पर गुरु का प्रभाव अच्छा रहेगा तो धरती की जलवायु भी अच्छी बनी रहेगी। बृहस्पति ग्रह जीवन, शीतलता, सुख, समृद्धि, उन्नति और बुद्धि प्रदान करता है परंतु जब इसकी चाल बिगड़ जाए तो भारी नुकसान देखने को मिलते हैं। गुरु हमारे ग्रह को सभी तरह की आपदा और सूर्य की घातक किरणों से बचाता है। जब गुरु अतिचारी होंगे तो बड़े पैमाने पर जलवायु परिवर्तन के चलते धरती के मौसम और तापमान में बदलाव हो जाएगा। मौसम के बदलाव के चलते देश और दुनिया की अर्थव्यवस्था में और शासन व्यवस्था में भी भारी बदलाव देखने को मिलेंगे।
महाभारत काल में यानी 5000 हजार वर्ष पहले गुरु 7 राशियों में 7 वर्ष तक अतिचारी रहे थे। जिसके चलते महायुद्ध हुआ था। करीब 1000 वर्ष पहले भी गुरु अतिचारी हुए थे तब भी बड़े बदलाव हुए थे। प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध के समय भी बृहस्पति की असामान्य गति थी। पिछले कुछ वर्ष पहले यानी 2018 से लेकर 2022 तक बृहस्पति 4 राशियों में अतिचारी थे। इन वर्षों में जो हुआ वह सभी ने देखा है।
3 राशियों की किस्मत चमक जाएगी
1. मेष राशिः आपके लिए गुरु का यह परिवर्तन बेहद शुभ फल देने वाला साबित हो सकता है। व्यापार में नए अवसर प्राप्त होंगे। करियर में उन्नति होगी। नौकरी में अप्रत्याशित सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलेगा। कोर्ट-कचहरी के मामले सुलझ जाएंगे। जीवनसाथी से संबंधों में सुधार होगा और मधुरता बढ़ेगी।
2. मकर राशि : आपके लिए गुरु का यह परिवर्तन लाभकारी साबित होगा। अचानक से धन प्राप्ति के योग बनेंगे। धन लाभ के नए अवसर प्राप्त होंगे। नौकरी और व्यापार में सकारात्मक बदलाव से लाभ होगा। समाज में खूब मान-सम्मान मिलेगा। करियर में खूब तरक्की करेंगे। भौतिक सुख-सुविधाओं का विस्तार होगा। पारिवारिक जीवन में सुख-शांति बनी रहेगी। जीवन के हर क्षेत्र में सफलता अर्जित करेंगे।
3. मीन राशि : आपकी राशि के लिए गुरु का आप पर आशीर्वाद बना रहेगा। धार्मिक और मांगलिक कार्य अच्छे से संपन्न होंगे। आर्थिक मामलों में भाग्यशाली बने रहेंगे। प्रॉपर्टी खरीदने के प्रबल योग है। अविवाहितों का शादी-विवाह तय हो सकता है। वैवाहिक जीवन सुखद रहेगा नौकरी में उन्नति करते जाएंगे और व्यापार में मन मुताबीक लाभ होगा।
3 राशियों को करेंगे परेशान:
1. धनु राशि : आपकी कुंडली के छठे भाव में गुरु का अतिचारी होना रोग और शत्रुओं को सक्रिय कर देगा। यानी आपको अचानक से कोई रोग हो सकता है। ऐसे में सतर्क रहने की जरूरत है। इसी के साथ आप नौकरी या व्यापार में क्षेत्र में काम कर रहे हैं तो शत्रुओं से सावधान रहें। किसी भी तरह का नुकसान पहुंचा सकते हैं। षड्यंत्र से बचकर रहना होगा। आपके कार्यों में अड़चन और रुकावट आने की संभावना है। मानसिक तनाव रहेगा। वाहन चलाते वक्त भी सावधानी रखें।
2. तुला राशि : आपकी कुंडली के आठवें भाव में गुरु अतिचारी हैं। यह अचानक से होने वाली दुर्घटना, नुकसान, धनहानि और संबंधों में खटास को दर्शाता है। इसलिए इस दौरान आपको कष्टों का सामना करना पड़ सकता है। ऑफिस का माहौल भी कष्ट भरा रहेगा। आपके खर्चे बढ़ जाएंगे, कर्ज लेना पड़ सकता है। सेहत और शत्रुओं को लेकर भी आप सतर्क रहें। आपका अपने भाई-बहनों के साथ भी मनमुटाव हो सकता है। ससुराल पक्ष से भी तनाव रहेगा।
3. मीन राशि : आपकी कुंडली के तीसरे भाव के अतिचारी गुरु का गोचर आलस्य को बढ़ा देगा। भाग्य को कमजोर कर देगा। आपका किसी भी तरह के काम में मन नहीं लगेगा। आपके शत्रु आपके खिलाफ कोई षड्यंत्र रच सकते हैं। आपको सतर्क रहने की जरूरत है। व्यापारियों के काम भी अटक सकते हैं। बेवजह यात्राएं करनी पड़ सकती हैं। वाहन संभलकर चलाएं। निर्णय क्षमता पर नकारात्मक असर होगा।
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