 Tulsi Vivah puja ka chowk kaise banate hain: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन देव उठनी एकादशी का व्रत रखकर शाम को विष्णु पूजा के बाद तुलसी और शालिग्राम विवाह किया जाता है। इसके लिए चौकी बनाई जाती है। यह चौकी तुलसी माता के गमले के ठीक सामने या दाईं ओर स्थापित की जाती है, ताकि तुलसी विवाह की रस्में पूरी की जा सकें। इस चौकी का उपयोग शालिग्राम जी को स्थापित करने के लिए किया जाता है। चावल के आटे से चौक बनाया जाता है। चौक के बीच में भगवान विष्णु का चित्र या मूर्ति रखी जाती है। इसके साथ ही चौक से भगवान के चरण चिह्न भी बनाए जाते हैं, जो ढककर रखे जाते हैं। देवउठनी एकादशी पर चौकी तैयार करने की विधि इस प्रकार है।
Tulsi Vivah puja ka chowk kaise banate hain: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन देव उठनी एकादशी का व्रत रखकर शाम को विष्णु पूजा के बाद तुलसी और शालिग्राम विवाह किया जाता है। इसके लिए चौकी बनाई जाती है। यह चौकी तुलसी माता के गमले के ठीक सामने या दाईं ओर स्थापित की जाती है, ताकि तुलसी विवाह की रस्में पूरी की जा सकें। इस चौकी का उपयोग शालिग्राम जी को स्थापित करने के लिए किया जाता है। चावल के आटे से चौक बनाया जाता है। चौक के बीच में भगवान विष्णु का चित्र या मूर्ति रखी जाती है। इसके साथ ही चौक से भगवान के चरण चिह्न भी बनाए जाते हैं, जो ढककर रखे जाते हैं। देवउठनी एकादशी पर चौकी तैयार करने की विधि इस प्रकार है।
                     Dev Uthani Ekadashi 2025: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस दिन को कुछ लोग छोटी दिवाली और देव दिवाली भी मानते हैं। देव उठनी एकादशी पर भगवान विष्णु को योगनिद्रा से जगाने और तुलसी विवाह करने का प्रचलन है। आओ जानते हैं दोनों ही परंपरा के संबंध में विस्तार से पूजन और विवाह विधि।
Dev Uthani Ekadashi 2025: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस दिन को कुछ लोग छोटी दिवाली और देव दिवाली भी मानते हैं। देव उठनी एकादशी पर भगवान विष्णु को योगनिद्रा से जगाने और तुलसी विवाह करने का प्रचलन है। आओ जानते हैं दोनों ही परंपरा के संबंध में विस्तार से पूजन और विवाह विधि।
                     Dev diwali 2025 date kab hai: देव दीपावली का पर्व हर वर्ष कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है, जो दीपावली के ठीक 15 दिन बाद आती है। देव दिवाली, जिसे देव दीपावली भी कहते हैं, हिंदुओं के सबसे पवित्र त्योहारों में से एक है। इसे देवताओं द्वारा मनाई गई दीपावली के रूप में जाना जाता है। यहां देव दीपावली की तिथि, महत्व और इस दिन किए जाने वाले मुख्य कार्यों की विस्तृत जानकारी दी गई है।
Dev diwali 2025 date kab hai: देव दीपावली का पर्व हर वर्ष कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है, जो दीपावली के ठीक 15 दिन बाद आती है। देव दिवाली, जिसे देव दीपावली भी कहते हैं, हिंदुओं के सबसे पवित्र त्योहारों में से एक है। इसे देवताओं द्वारा मनाई गई दीपावली के रूप में जाना जाता है। यहां देव दीपावली की तिथि, महत्व और इस दिन किए जाने वाले मुख्य कार्यों की विस्तृत जानकारी दी गई है।
                     Venus Transit in Libra 2025: धन, समृद्धि और ऐश्वर्य के ग्रह शुक्र का अपनी ही राशि तुला में 02 नवंबर 2025 को गोचर हो रहा है। यह गोचर 2 राशियों के लिए विशेष रूप से अशुभ परिणाम ला सकता है जिससे उनके आर्थिक हालात में गिरावट हो सकती है और कार्यों में रुकावट आ सकती है। आओ जानते हैं कि कौनसी हैं वे 2 राशियां।
Venus Transit in Libra 2025: धन, समृद्धि और ऐश्वर्य के ग्रह शुक्र का अपनी ही राशि तुला में 02 नवंबर 2025 को गोचर हो रहा है। यह गोचर 2 राशियों के लिए विशेष रूप से अशुभ परिणाम ला सकता है जिससे उनके आर्थिक हालात में गिरावट हो सकती है और कार्यों में रुकावट आ सकती है। आओ जानते हैं कि कौनसी हैं वे 2 राशियां।
                     Guru brihaspati gochar 2025: बृहस्पति ग्रह वर्तमान में 8 वर्षों के लिए अपनी अतिचारी गति पर हैं अर्थात सामान्य रूप से एक वर्ष तक एक ही राशि में गोचर करने वाला गुरु ग्रह मिथुन में जाते ही अतिचारी हो चला है और अब एक वर्ष में दो से तीन राशियों में गोचर कर रहा है। वर्तमान में अल्पकाल के लिए मिथुन राशि से कर्क राशि में गोचर कर रहा है। इस गोचर के चलते सभी 12 राशियों पर इसका प्रभाव देखा जा सकता है। फिलहाल कर्क में गोचर से 4 राशियों की किस्मत का तारा चमका हुआ है।
Guru brihaspati gochar 2025: बृहस्पति ग्रह वर्तमान में 8 वर्षों के लिए अपनी अतिचारी गति पर हैं अर्थात सामान्य रूप से एक वर्ष तक एक ही राशि में गोचर करने वाला गुरु ग्रह मिथुन में जाते ही अतिचारी हो चला है और अब एक वर्ष में दो से तीन राशियों में गोचर कर रहा है। वर्तमान में अल्पकाल के लिए मिथुन राशि से कर्क राशि में गोचर कर रहा है। इस गोचर के चलते सभी 12 राशियों पर इसका प्रभाव देखा जा सकता है। फिलहाल कर्क में गोचर से 4 राशियों की किस्मत का तारा चमका हुआ है।
                     Wedding Date November 2025: देवउठनी एकादशी 2025 इस बार 1 नवंबर को पड़ रही है। यह दिन विशेष रूप से हिंदू कैलेंडर में महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इसे देवताओं के जागने का दिन माना जाता है। इसके साथ ही, इस दिन से शादी विवाह और अन्य शुभ कार्यों के लिए भी मुहूर्त शुरू होते हैं, जो चातुर्मास यानी साधारणत: 4 महीने के समाप्त होने के बाद शुरू होते हैं।
Wedding Date November 2025: देवउठनी एकादशी 2025 इस बार 1 नवंबर को पड़ रही है। यह दिन विशेष रूप से हिंदू कैलेंडर में महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इसे देवताओं के जागने का दिन माना जाता है। इसके साथ ही, इस दिन से शादी विवाह और अन्य शुभ कार्यों के लिए भी मुहूर्त शुरू होते हैं, जो चातुर्मास यानी साधारणत: 4 महीने के समाप्त होने के बाद शुरू होते हैं।
                     When is Devuthani Ekadashi in 2025: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रबोधिनी एकादशी को देव उठनी एकादशी और देवुत्थान एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस बार इस एकादशी के दिन को लेकर भ्रम है कि देव उठनी एकादशी का व्रत कब रखें, 1 नवंबर को या कि 2 नवंबर 2025 को व्रत रखें? मान्यता अनुसार इस दिन से देव उठ जाते हैं अर्थात भगवान विष्णु अपनी योगनिद्रा से जाग जाते हैं और इस दिन के बाद से ही सभी तरह के मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं।
When is Devuthani Ekadashi in 2025: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रबोधिनी एकादशी को देव उठनी एकादशी और देवुत्थान एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस बार इस एकादशी के दिन को लेकर भ्रम है कि देव उठनी एकादशी का व्रत कब रखें, 1 नवंबर को या कि 2 नवंबर 2025 को व्रत रखें? मान्यता अनुसार इस दिन से देव उठ जाते हैं अर्थात भगवान विष्णु अपनी योगनिद्रा से जाग जाते हैं और इस दिन के बाद से ही सभी तरह के मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं।