20 फरवरी 2021 को पंचांग अनुसार (कैलेंडर के अनुसार 21 फरवरी, क्योंकि पंचांग में 1 दिन की गणना सूर्योदय से अगले दिन सूर्योदय के आधार पर होती है जबकि अंग्रेजी कैलेंडर में रात्रि 12 AM बजे से दिनांक परिवर्तित हो जाती है।) गोचरवश शुक्र राशि परिवर्तन कर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। शुक्र को नैसर्गिक भोग-विलास व दांपत्य का कारक माना जाता है। फिल्म इंडस्ट्री, फैशन, गीत-संगीत, ललित कलाओं में शुक्र का प्रतिनिधित्व होता है।
कुंभ राशि में ग्रहों के राजा सूर्य पूर्व से ही विद्यमान हैं। शुक्र के राशि परिवर्तन से कुंभ राशि में सूर्य-शुक्र की युति होगी, जो सामान्यत: शुक्र के प्रतिनिधित्व वाले जातकों के लिए शुभ नहीं मानी जाती है, क्योंकि सूर्य के अधिक निकट आने पर शुक्र अस्त प्रारूप होकर अपना प्रभाव खो देते हैं।
आइए, जानते हैं कि शुक्र का कुंभ राशि में प्रवेश समस्त 12 राशियों पर अपना क्या प्रभाव देगा?
1. मेष- मेष राशि वाले जातकों को शुक्र के गोचर अनुसार धनलाभ होगा। कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। प्रेम संबंध सफल होंगे। जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा। भोग-विलास की सामग्री प्राप्त होगी। मन प्रसन्न व आनंदित रहेगा।
2. वृषभ- वृषभ राशि वाले जातकों को शुक्र के गोचर अनुसार शारीरिक कष्ट होगा। मानसिक चिंता में वृद्धि होगी। व्यर्थ धनहानि होगी। कार्यक्षेत्र में विघ्न आएंगे। शत्रु प्रभावी होंगे। स्त्री जाति से कष्ट होगा। राज्य की ओर से परेशानियां आएंगी। संबंधियों से विवाद होगा।
3. मिथुन- मिथुन राशि वाले जातकों को शुक्र के गोचर अनुसार प्रत्येक कार्य में लाभ होगा। नवीन वस्त्राभूषणों की प्राप्ति होगी। स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। बंधु-बांधवों से लाभ व सहयोग प्राप्त होगा। भाग्य का साथ प्राप्त होगा।
4. कर्क- कर्क राशि वाले जातकों को शुक्र के गोचर अनुसार धनलाभ होगा। संकटों से मुक्ति मिलेगी। भोग-विलास की सामग्री प्राप्त होगी। संबंधियों से लाभ होगा।
5. सिंह- सिंह राशि वाले जातकों को शुक्र के गोचर अनुसार प्रतिष्ठा धूमिल होगी। अथक परिश्रम का अपेक्षित फल प्राप्त नहीं होगा। जीवनसाथी से विवाद होगा। स्त्री जाति के कारण अपमानित होने की आशंका है। धनहानि होगी। मूत्र संबंधी विकारों के कारण कष्ट होगा। व्यर्थ प्रवास व यात्राएं होंगी।
6. कन्या- कन्या राशि वाले जातकों को शुक्र के गोचर अनुसार शत्रुता में वृद्धि होगी। शत्रु प्रभावी होंगे। साझेदारी से हानि होगी। जीवनसाथी से मतभेद होंगे। दुर्घटनाग्रस्त होने की आशंका है।
7. तुला- तुला राशि वाले जातकों को शुक्र के गोचर अनुसार पुत्र से लाभ होगा। धन की प्राप्ति होगी। प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। शत्रु पराजित होंगे। पुत्र जन्म के योग बनेंगे। प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त होगी। प्रेम संबंध सफल होंगे।
8. वृश्चिक- वृश्चिक राशि वाले जातकों को शुक्र के गोचर अनुसार मनोअभिलाषाएं पूर्ण होंगी। आर्थिक लाभ के अवसर प्राप्त होंगे। भोग-विलास की सामग्री प्राप्त होगी। संपत्ति प्राप्ति के योग बनेंगे। वाहन सुख प्राप्त होगा। संबंधियों से स्नेह प्राप्त होगा। माता से लाभ होगा। मन प्रसन्न व आनंदित रहेगा।
9. धनु- धनु राशि वाले जातकों को शुक्र के गोचर अनुसार साहस-पराक्रम में वृद्धि होगी। धनलाभ होगा। अधीनस्थों का सहयोग प्राप्त होगा। भाग्योदय होगा। प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। भाई-बहनों का सहयोग प्राप्त होगा।
10. मकर- मकर राशि वाले जातकों को शुक्र के गोचर अनुसार धनलाभ होगा। स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। संतान प्राप्ति का योग बनेगा। विद्यार्थी वर्ग को परीक्षाओं में सफलता प्राप्त होगी। विद्याध्ययन में रुचि बढ़ेगी। शत्रु पराभव होगा। स्त्री सुख प्राप्त होगा। नवीन वस्त्राभूषणों की प्राप्ति होगी।
11. कुंभ- कुंभ राशि वाले जातकों को शुक्र के गोचर अनुसार धनलाभ होगा। शत्रु परास्त होंगे। अविवाहितों का विवाह होगा। घर में संतान का जन्म होगा। व्यापार में लाभ होगा। विद्यार्थी वर्ग का विद्याध्ययन में मन लगेगा। स्त्री जाति से लाभ होगा।
12. मीन- मीन राशि वाले जातकों को शुक्र के गोचर अनुसार मित्रों से लाभ होगा। आर्थिक उन्नति होगी। भोग-विलास के संसाधनों की प्राप्ति होगी। उत्तम शैया सुख प्राप्त होगा। अविवाहितों के विवाह के योग बनेंगे होगा।
शुक्र के अशुभ प्रभाव को कम करने हेतु उपयोगी उपाय-
1. शुक्रवार को शुक्र का दान करें- (दान सामग्री : श्वेत वस्त्र, सौंदर्य सामग्री, इत्र, चांदी, शकर, दूध-दही, चावल, घी, स्फटिक, सफेद पुष्प)।
2. शुक्रवार के दिन ब्राह्मणों को श्वेत मिष्ठान्न या खीर खिलाएं।
3. शुक्रवार को मंदिर में तुलसी का पौधा लगाएं।
4. प्रत्येक शुक्रवार चींटियों को आटा व पिसी शकर मिश्रित कर डालें।
5. सफेद गाय को नित्य चारा व रोटी दें।
शुक्र ग्रह का खगोलीय परिचय-
हमारे खगोलशास्त्र में ज्योतिष शास्त्र से इतर 8 ग्रहों की मान्यता है। ये 8 ग्रह हैं- मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, अरुण, वरुण एवं पृथ्वी। सूर्य व चंद्र तारे की श्रेणी में हैं। शुक्र का अंग्रेजी का नाम 'वीनस' है, जो सौंदर्य की देवी के नाम पर है। शुक्र, सूर्य से दूसरा सर्वाधिक निकट का ग्रह है। अंतरिक्ष में सूर्य से सर्वाधिक निकट का ग्रह बुध है। शुक्र को सूर्य की परिक्रमा करने में 224 दिन एवं कुछ घंटे लगते है जबकि अपनी धुरी पर घूमने में 243 दिन का समय लगता है।
शुक्र ग्रह सूर्य से 10.80 लाख किमी दूर स्थित है। शुक्र ग्रह का व्यास लगभग 12,092 किमी है। शुक्र ग्रह को बिना टेलीस्कोप के कुछ विशेष समय में देखा जा सकता है। शुक्र ग्रह सौरमंडल का सर्वाधिक गर्म ग्रह है। शुक्र ग्रह का अधिकतम तापमान लगभग 462 डिग्री सेल्सियस तक होता है। शुक्र ग्रह अपने अक्ष पर 177 अंश तक झुकाव लिए हुए है।
(विशेष- उपर्युक्त विश्लेषण ग्रह-गोचर की गणना पर आधारित है। जन्म पत्रिका में ग्रह स्थिति एवं दशाओं के कारण इसमें परिवर्तन संभव है।)
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केंद्र